नई दिल्ली। भारत में जल्द ही बच्चों को भी कोरोना का टीका लगाया जा सकता है। इसके लिए सरकार ने जायडस कैडिला को उसकी तीन खुराक वाली कोविड वैक्सीन के लिए एक करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है। बतादें कि ZyCoV-D देश में बनने वाली दुनिया की पहली डीएनए-आधारित वैक्सीन है, जिसे भारत के दवा नियामक द्वारा 12 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए स्वीकृत किया गया है।
लगाते समय जरा भी दर्द महसूस नहीं होगा
टीके की खास बात यह है कि इसे सुई के जरिए नहीं बल्कि डिस्पोजेबल जेट एप्लीकेटर या फार्मा जेट इंजेक्टर की मदद से दिया जाएगा। यानी इसे लगाते समय जरा भी दर्द महसूस नहीं होगा। खासतौर पर बच्चों के लिए बनाए गए इस टीके को काफी सुरक्षित माना जा रहा है। इससे बच्चों को जरा भी परेशानी नही नहीं होगी। इसके तीन खुराकों को 28 दिन के अंतर पर लगाया जाना है। आइए जानते हैं कैसे काम करता है ये जेट एप्लीकेटर।
कैसे काम करता है ये जेट एप्लीकेटर?
दरअसल, इस इंजेक्टर में स्प्रिंग लगे होते हैं। इनके जरिए वैक्सीन के निश्चित द्रव की संकीर्ण धार को बॉडी में प्रवेश कराया जाता है। यह धारा एक सेकंड के 10वें हिस्से में स्किन को भेदकर टिशू की उचित गहराई तक प्रवेश कर जाती है। इसमें किसी और चीज की जरूरत नहीं होती है। यह उपकरण एक स्टेपलर के आकार का होता है। इससे वैक्सीन की 0.1 मिलीलीटर खुराक दी जाती है। इस डिवाइस के तीन हिस्से होते हैं- इंजेक्टर, सिरिंज और फिलिंग एडैप्टर। इसके एक इंजेक्टर से करीब 20 हजार खुराक दी जा सकती हैं।
इसमें किसी तरह की सुई का इस्तेमाल नहीं किया जाता
फार्माजेट नीडल-फ्री इंजेक्टर तेज और सुरक्षित है। इसमें किसी तरह की सुई का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इससे किसी भी तरह की चोट या समस्या की संभावना खत्म हो जाती है। सात ही सिरिंज के दोबारा इस्तेमाल या संक्रमण की भी संभावना नहीं रहती। आपको बता दें कि इस वैक्सीन की कीमत 265 रुपए निर्धारित की गई है। इसमें 93 रुपये के डिस्पोजेबल जेट एप्लीकेटर के दाम भी जोड़े गए हैं, जिसके बाद हर खुराक 358 रुपये में लगवाई जा सकेगी।