Parrot Fever Outbreak: यूरोप में पैरेट फीवर से हुई मौतों ने डरा दिया है। अब तक इससे 5 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इसके बढ़ते मामलों ने टेंशन बढ़ा दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसकी पुष्टि है।
पैरेट फीवर को सिटाकोसिस भी कहते हैं, जिसने यूरोपीय देशों के लोगों को बुरी तरह से प्रभावित किया है तो 2023 में ये बात फैलने लगी और अब दुर्भाग्य से 5 लोगों की इससे मौत हो चुकी है।
5 लोगों की हुई मौत
इस बीमारी के कारण अमेरिका में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है और कई मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का कहना है कि यह बीमारी उन पक्षियों के काटने या उनके करीब जाने से फैल रही है जिनमें यह बैक्टीरिया होता है।
यूरोप में मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 तक इस बीमारी से कुछ लोग संक्रमित थे, लेकिन अब इससे मरीजों की मौत भी हो रही है।
क्या है पैरेट फीवर?
पैरेट फीवर एक संक्रामक रोग है जो क्लैमाइडिया बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। यह जीवाणु तोते सहित कई पक्षियों को संक्रमित करता है और पक्षियों के माध्यम से मनुष्यों को संक्रमित करता है। दिलचस्प बात यह है कि इस बीमारी का असर प्रभावित पक्षियों पर दिखाई नहीं देता है।
अमेरिका में रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र का कहना है कि अगर आप किसी संक्रमित पक्षी या उसके मल को छूते हैं तो यह संक्रमण फैल सकता है। यदि आप संक्रमित पक्षियों के आसपास हैं तो यह सांस छोड़ते हुए भी फैल सकता है। लेकिन चिंता न करें, संक्रमित पक्षियों को खाने से आपको यह बीमारी नहीं होगी।
तोता बुखार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। लेकिन ऐसे मामले दुर्लभ हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, तोते के बुखार के अधिकांश मामले घर के अंदर रखे गए संक्रमित पक्षियों से आते हैं।
पैरेट फीवर के लक्षण
पैरेट फीवर संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने, उनके पंखों या सूखे मल से कणों के कॉन्टैक्ट में आने से फैलती है। इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और संक्रमण होने के 14 दिनों के बाद देखने को मिलते हैं।
इनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूखी खांसी, बुखार और ठंड जैसी समस्याएं होती हैं। गंभीर मामलों में बीमारी निमोनिया में बदल सकती है।
अब तक कहां कितने मामले सामने आए
WHO ने बताया कि ऑस्ट्रिया ने 2023 में 14 मामलों की पुष्टि की थी, लेकिन इस साल मार्च में अब तक केवल 4 मामले सामने आए हैं। कुल मामलों की संख्या अब 18 है। इसी तरह, डेनमार्क ने 27 फरवरी तक 23 मामलों की पुष्टि की थी।
2023 में, जर्मनी में तोते के बुखार के 14 मामले सामने आए। इस वर्ष अब तक, उनके 5 और मामले सामने आए हैं, जिससे कुल मिलाकर 19 हो गए हैं। कुल मिलाकर, 3 देशों में 60 लोग संक्रमित हुए हैं।
नीदरलैंड में भी 21 मामले सामने आए। WHO ने उल्लेख किया कि अधिकांश नए मामले पालतू या जंगली पक्षियों के संपर्क के कारण थे।
WHO ने बताया कैसे बचें पैरेट फीवर से?
ऐसे देशों में WHO पक्षियों को पालने वाले लोगों को अलर्ट कर रहा है उन्हें साफ-सफाई का ध्यान रखने का कहा है। जिन लोगों ने पक्षियों को पाल रखा है वो इन्हें साफ पिंजड़ों में ही रखें ।
साथ ही इन्हें भीड़भाड़ वाली जगहों पर रखने से बचें, पालतू पक्षियों को रखने वाले लोग, मुर्गी पालन करने वाले, पशु चिकित्सक आदि को इसका खतरा ज्यादा है।
पैरेट फीवर का इलाज
सही समय पर एंटीबायोटिक दवाओं का इलाज कारगर होता है और इससे निमोनिया जैसी जटिलताओं से बचा जा सकता है।
उचित एंटीबायोटिक उपचार के साथ, सिटाकोसिस से मृत्यु होने की संभावना बहुत कम (100 में से 1 से भी कम) होती है।