What Is Nobel Prize: दुनिया के सबसे बड़े पुरस्कार नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) की चर्चा इन दिनों होने लगी है जहां पर जल्द ही कार्यक्रम के तरह महान वैज्ञानिकों और शख्सियतों को अवॉर्ड से नवाजा जा रहा है। क्या आप जानते है इस पुरस्कार की कब से हुई शुरूआत और किस के नाम पर हुई इसकी पहचान। आइए जानते है इस खबर में
क्या होता है नोबेल पुरस्कार
आपको बताते चलें कि, यह पुरस्कार भौतिकी (Physics), रसायन (Chemistry), शांति, साहित्य, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिया जाने वाला विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है जिसे एक अलग समिति यानि कि, कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट औषधी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्रदान करती हैं, द रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस भौतिकी, अर्थशास्त्र और रसायनशास्त्र के क्षेत्र में और नॉर्वेजियन नोबेल समिति शांति के क्षेत्र में पुरस्कार प्रदान करने का काम करती है। जिसके तहत आपको बताते चलें कि, विजेता को एक मेडल, एक डिप्लोमा, एक मोनेटरी एवार्ड प्रदान किया जाती है।
जानें कब से हुई शुरूआत
आपको बताते चलें कि, यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बर्नाड नोबेल (Alfred Bernard Nobel) की याद में नोबेल फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है. मृत्यु से पहले दिसंबर 1896 में अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा उन्होंने एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया. वो चाहते थे कि इस पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए जिनका काम मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी पाया जाए। बताते चलें कि, इन पुरस्कारों को नोबेल फाउंडेशन के द्वारा संचालन किया जाता है जहां पर एक 5 लोगों की टीम है जिसका मुखिया स्वीडन की किंग ऑफ काउन्सिल द्वारा चुना जाता है और बाकी चार सदस्य पुरस्कार वितरक संस्थान के न्यासी (ट्रस्टियों) द्वारा चुने जाते हैं. स्टॉकहोम में नोबेल पुरस्कार स्वीडन के राजा के हाथों मिलता है। आपको बताते चलें कि, यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बर्नाड नोबेल का नाम महान वैज्ञानिकों मे से एक है जिसे बच्चा-बच्चा जानता है।
किन भारतीयों को मिला पुरस्कार
आपको बताते चलें कि, अब तक अलग अलग वर्गों में नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) मिल चुका है. जिनके नाम हैं – रविंद्रनाथ टैगोर (साहित्य) बता दें कि 1913 में टैगोर जब ये पुरस्कार पाने वाले पहले गैर यूरोपीय और पहले भारतीय थे. इनके अलावा हरगोविंद खुराना को मेडिसिन के क्षेत्र में, सीवी रमण भौतिकी के क्षेत्र में, वीएएस नायपॉल साहित्य के क्षेत्र में, वेंकट रामाकृष्णन को केमिस्ट्री के क्षेत्र में, मदर टेरेसा के शांति के क्षेत्र में, सुब्रहमण्यम चंद्रशेखर, कैलाश सत्यार्थी को शांति के क्षेत्र में, आर के पचौरी, अमर्त्य सेन और अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र मिला है। आपको बताते चलें कि, पहला पुरस्कार 1969 में नॉर्वे के रैगनर एंथोन किटील फ्रिश और नीदरलैंड्स के यान टिरबेरगेन को