Laylatul Qadr 2023: पिछले तीन-चार दिनों से मुस्लिम देशों में, विशेष कर अरब कंट्रीज के वेबसाइट, अखबार और टीवी पर ‘लैलतुल कद्र’ (Laylatul Qadr) ट्रेंड कर रहा है। आइए जानते हैं लैलतुल कद्र क्या है, रमज़ान के पाक महीने में इसका क्या महत्त्व है और इसकी तीन खास निशानियां क्या-क्या हैं?
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क्या है लैलतुल कद्र – What is Laylatul Qadr?
लैलतुल कद्र को ‘फरमान की रात’ (Night of Decree) और ‘ताक़त की रात’ (Night of Power) भी कहते हैं। लेकिन, लैलतुल कद्र (Laylatul Qadr) को जानने और समझने से पहले रमज़ान के महीने और इसकी फज़ीलत क्या है, यह जानना जरुरी है।
इस्लामी कैलेण्डर के अनुसार, रमज़ान साल का नौवां महीना है, जो सभी महीनों में सबसे पाक (पवित्र) और इबादत का महीना कहा गया है। कुरान शरीफ में इस महीने को ‘रमज़ान शरीफ’ कहा गया है। इसे नेकियों का मौसम बताया जाता है।
रमज़ान के महीने के आखिरी 10 दिन सबसे पाक और महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन 10 दिनों की रातों को ‘लैलतुल कद्र की रातें’ भी कही जाती है।
आपको बता दें, रमज़ान के महीने के इन्हीं आखिरी 10 रातों में से एक रात को अल्लाह ने पैगम्बर मोहम्मद साहब पर कुरान के पवित्र आयतें नाजिल (अवतरित) की थीं। कुरान में 5 शबों (रातों) का जिक्र है, ये हैं: 21वीं शब, 23वीं शब, 25वीं शब, 27वीं शब और 29वीं शब। लेकिन यह नहीं बताया गया है कि इनमें से कौन-सी शब (रात) है।
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लैलतुल कद्र का महत्त्व – Significance of Laylatul Qadr
‘लैल’ का अर्थ होता है ‘रात’ और कद्र का अर्थ है ‘सम्मान या महान’। इस प्रकार लैलतुल कद्र का अर्थ होता है, ‘सम्मान और शान की रात’। इसे ‘शब-ए-कद्र’ भी कहते हैं। कुरान के अनुसार, यह रमज़ान के आखिरी 10 रातों में से कोई भी एक रात हो सकती है।
यह रात निश्चित नहीं होने कारण रमज़ान के आखिरी 10 रातों को सामूहिक रूप से लैलतुल कद्र की रातें मानी जाते हैं। मान्यता है कि इस रात को जो भी जाग कर इबादत करता है और दुआ मांगता है, वह कदर-ओ-शान वाला होता है।
चूंकि यह रात निश्चित नहीं होती है और 10 रातों में से कोई भी रात हो सकती है, लिहाजा अक़ीदत-पसंद (आस्थावान) मुसलमान लगातार 10 दिनों तक इबादत करते हैं। इसे एतिकाफ़ कहते हैं। एतिकाफ़ के तहत लगातार दस दिनों तक मस्जिद में रहकर इबादत की जाती और दुआ मांगी जाती है।
कुरान के अनुसार, यह शब-ए-कद्र 1000 रातों से बेहतर है। इस रात अल्लाह अपने बंदों से मिलने, उनकी दुआएं सुनने के लिए सातवें आसमान से पहले आसमान पर आ जाते हैं।
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क्या हैं लैलतुल कद्र की 3 निशानियां – Signs of Laylatul Qadr
कुरान शरीर में में लैलतुल कद्र की रात कब है, यह स्पष्ट नहीं किया गया है। लेकिन, रात की कुछ निशानियों का बखूबी जिक्र हुआ है, जिनकी मदद से लैलतुल कद्र की पहचान की जा सकती है। आइए जानते है, जानते है क्या लैलतुल कद्र की रात निशानियां:
1. इस रात न तो अधिक ठंड होगी और न ही अधिक गर्मी। मौसम बिल्कुल खुशनुमा होगा। वर्ना रहमत की बारिश भी हो सकती है।
2. इस दिन की सुबह सूरज की रोशनी तेज नहीं होगी और न ही यह आंखों में को लगने वाली होगी। सबको धूप में भी सुकून मिलेगा और सूरज बिल्कुल चांद जैसा लगेगा।
3. इस रात में केवल इंसान ही नहीं, बल्कि हैवान और जानवर भी बहुत शांत हो जाते हैं। इन दिन कुत्ते भी नहीं भौंकते हैं। क्योंकि इस दिन को आसमानी फरिश्ते भी जमीन पर आ जाते हैं।
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लैलतुल कद्र में पढ़ी जाने वाली दुआ – Laylatul Qadr Dua of in Hindi
कुरान शरीफ में जिक्र है कि शब-ए-कद्र (Shab-e-Qadr) के दिन कुरान की तिलावत करनी चाहिए। इंसानों को अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए। इसी के मद्देनजर हुजूर-ए-पाक ने एक दुआ बताई है। आइए जानते हैं, वो दुआ क्या है जिसकी कसरत से तिलावत करनी चाहिए। लैलतुल कद्र की दुआ हिंदी में:
“अल्लाहुम्मा इंनका अफुव्वुन तुहिब्बुल अफवा फ’अफु अन्नी” (Allahumma Innaka Afuwwun Tuhibbul Afwa Fa’Afu Anni)
इस दुआ के मायने हैं: “ए अल्लाह आप माफ करने वाले हैं। आपको माफ करना पसंद है, बस आप मुझे माफ कर दें।”
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