हाइलाइट्स
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डर्मेटोमायोसाइटिस से हुई दंगल गर्ल सुहानी की मौत
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सुहानी को पहले लेफ्ट हैण्ड और पूरे शरीर में बढ़ गई थी सूजन
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रेयर बीमारी को समय पर डॉक्टर बीमारी को पहचान नहीं पाए
What is Dermatomyositis: बहुत ही गंभीर समाचार है। आप सभी इससे वाकिफ हो ही गए होंगे। बात सुहानी भटनागर के दुखद निधन की है।
यंग दंगल गर्ल सुहानी की अचानक हुई डेथ से सभी दुखी हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत सुहानी की आत्मा को परम शांति प्राप्त हो।
डॉक्टरों के अनुसार, सुहानी की मौत एक बहुत ही रेयर बीमारी से हुई है। इस रोग का नाम है डर्मेटोमायोसाइटिस। माना जाता है कि यह गंभीर और जानलेवा बीमारी लगभग 10 लाख में 4 बच्चों में पायी जाती है और यह रोग अक्सर 4 से 10 वर्ष की आयु में शुरू होती है। इसलिए इसे जुवेनाइल Dermatomyositis भी कहते हैं।
हालांकि, यह वयस्कों को भी हो सकती है। वयस्कों में यह बीमारी अमूमन 40 और 60 की उम्र के बाद होता है। आइए, जानते हैं, डर्मेटोमायोसाइटिस क्या है? इस बीमारी के लक्षण और निदान क्या हैं।
डर्मेटोमायोसाइटिस क्या है?
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) February 18, 2024
डर्मेटोमायोसाइटिस त्वचा और मांसपेशियों से जुड़ी बीमारी है। त्वचा को डॉक्टरी भाषा में डर्मिस या डर्मा और मांसपेशी को मायो कहते हैं और मांसपेशियों में सूजन को मायोसाइटिस कहते हैं।
इन्हीं शब्दों के मेल से इस बीमारी के नाम को डर्मेटोमायोसाइटिस कहा जाता है। Dermatomyositis शरीर में एक असामान्य सूजन वाली बीमारी है। इसमें शरीर फूलने लगता है।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून पॉवर में कमी आ जाती है। मायोसिटिस जब बहुत बढ़ जाता है, तब यह मांसपेशियों को कमजोर करने के अलावा त्वचा को भी प्रभावित करता है और तब शरीर पर निशान पड़ जाते हैं। यह सांस लेने और निगलने की क्षमता को प्रभावित करता है।
लक्षण को समझना आसान नहीं
डॉक्टरों के अनुसार, Dermatomyositis कोई आम बीमारी नहीं है। इसलिए इसके लक्षण को समझना आसान नहीं है। इस बीमारी के लक्षण से यह पता नहीं चल पाता है कि यह कितनी गंभीर बीमारी है।
दिवंगत सुहानी भटनागर को लगभग 2 महीने पहले उनके लेफ्ट हैण्ड में सूजन आनी शुरू हुई थी। जिसे नॉर्मल समझा गया, लेकिन फिर उसके दूसरे हाथ में और फिर पूरे शरीर में सूजन बढ़ गई।
इसके बाद कई डॉक्टरों को दिखाया गया, लेकिन कोई भी डॉक्टर बीमारी को पहचान नहीं पाया। इसके बाद सुहानी को एम्स में एडमिट कराया गया।
जहां उसके कई टेस्ट किए गए, तो वहां पता चला कि सुहानी को डर्मेटोमायोसाइटिस नाम की बीमारी हुई है, जो बेहद रेयर बीमारी की श्रेणी में आती है। अंततः इस रोग ने उनकी जान ले ली।
डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षण
डर्मेटोमायोसाइटिस का पता तब तक नहीं चल पाता है, जब तक कि त्वचा यानी डर्मेटा की छोटी नसों में और मांसपेशियों की रक्त कोशिकाओं में सूजन यानी मायोसाइटिस नहीं हो जाता है।
मायोसाइटिस होने के बाद भी इस बीमारी को साफ तौर समझ पाना मुश्किल है। यही परिस्थिति सुहानी के साथ हुआ। आम तौर पर इस बीमारी का प्रमुख लक्षण मांसपेशियों में दर्द और कमज़ोरी आना है, खासकर के कंधे, गर्दन, कूल्हे और धड़ की मांसपेशियों में। इस रोग में स्किन पर ख़ास प्रकार के निशान बन जाते हैं, जो आँखों के इर्द गिर्द, उँगलियों पर, कोहनी और घुटनों पर या गले पर दिखाई देते हैं।
ये स्किन के निशान मांसपेशियों की दिक्कत के साथ-साथ हो कोई जरुरी नहीं है, ये पहले या बाद में कभी भी हो सकती है। कुछ मामलों ये इस रोग को विकसित होने में महीनों लग जाते हैं, तो वहीं कुछ केस यह भी देखा गया है कि Dermatomyositis जल्दी डेवलप हो सकता है। सुहानी के केस में यह बहुत तेजी से बढ़ गया था।
डर्मेटोमायोसिटिस होने का कारण
Dermatomyositis कैसे और क्यों होता है, यह अभी तक अज्ञात है. वैज्ञानिक इस बीमारी के रिसर्च में लगे हैं. यह बीमारी फिलहाल एक ऑटो-इम्यून बीमारी मानी जाती है.
इसके कई कारण एक साथ होने से यह बीमारी तेजी से पनप सकती है| हालांकि यह अनुवांशिक बीमारी नहीं है, लेकिन माता-पिता से बच्चों को हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है.
अनेक रिसर्च में यह भी बताया गया है कि कुछ वायरस और बैक्टीरिया की वजह से शरीर का इम्यून सिस्टम असामान्य रूप से प्रतिक्रिया करने लगता है, तब यह बीमारी तेजी से बढ़ जाती है.
फिलहाल इस बीमारी की रोकथाम के लिए कोई इलाज नहीं है. बता दें, यह बीमारी न तो संक्रामक रोग है और न ही यह छूत की बीमारी है.
डर्मेटोमायोसिटिस का निदान
अभी तक Dermatomyositis का कोई कारगर इलाज नहीं है. केवल इसके लक्षणों को देख कर उन लक्षणों का ईलाज किया जाता है. इस नामुराद बीमारी को जितनी जल्दी से डायग्नोज़ कर लिया जाता है, उतने अच्छे तरीके से इसको बढ़ने से रोक सकते हैं.
सही ईलाज से स्किन के रैशेज को जल्दी खत्म कर सकते हैं और मांसपेशियों में मजबूती और ताकत वापस लायी जा सकती है. डॉक्टरों की सलाह है कि जितनी जल्दी हो, इसका उपचार शुरू कर देना चाहिए, तब उतनी अधिक संभावना है कि इसकी गंभीरता बच सकते हैं.
कुछ केस ऐसे भी हैं, जिसमें उपचार से इसे कंट्रोल किया गया है, लेकिन यह जड़ से समाप्त नहीं हुआ है. बहरहाल, शरीर के दर्द या किसी अंग के सूजन को लापरवाही में नहीं लेना चाहिए. क्योंकि जान है, तो जहान है.