हाइलाइट्स
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मोदी सरकार ने जारी किया CAA का नोटिफिकेशन
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CAA लागू होने के बाद क्या-क्या बदल जाएगा
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क्या किसी की नागरिकता भी छिनेगी ?
What is CAA: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) सोमवार को देश में लागू हो गया। कानून को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई। नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था। बाद में इस विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन मिल गया था।
CAA के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी।
नागरिकता संशोधन कानून क्या है?
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने वाले व्यक्तियों की रक्षा करना है। यह उन्हें अवैध माइग्रेशन की कार्रवाई के खिलाफ एक ढाल प्रदान करता है।
CAA में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चन धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है। पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य था।
इस नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल किया गया है। आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के नियम को आसान बनाया गया है।
भारतीय नागरिकों पर CAA का क्या असर होगा?
सरकार ने अपने बयान में कहा है कि CAA के जरिए मिलने वाली नागिरकता वन-टाइम बेसिस पर ही होगी। यानी कि 31 दिसम्बर,2014 के बाद गैर-कानूनी तरीके से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता नहीं दी जाएगी।
इस कानून के अमल में आने के बाद भारत के किसी भी नागरिक – चाहें वो किसी भी धर्म का हो – की नागरिकता को कोई प्रभाव नहीं होगा।
CAA पर सरकार का तर्क
सरकार का यह मानना है कि CAA केवल मुस्लिम-बहुल देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करता है। साथ ही सरकार का ये भी तर्क है कि इन देशों में मुस्लिम बहुसंख्यक है फिर वह कैसे प्रताड़ित हुए। इसीलिए यहां पर प्रताड़ित होकर आने वाले अल्पसंख्यकों को ही नागरिकता दी जानी चाहिए।
कैसे करना होगा आवेदन?
भारतीय नागरिकता पाने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है…इसे लेकर एक ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार हो चुका है। इस पोर्टल पर आवेदकों को अपना वह साल बताना होगा…जब उन्होंने बिना किसी दस्तावेज के भारत में प्रवेश किया था।
नागरिकता पाने के लिए आवेदकों से किसी तरह का कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। पात्र विस्थापितों को सिर्फ ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन करना होगा। जिसके बाद गृह मंत्रालय आवेदन की जांच करेगा और आवेदक को नागरिकता जारी कर दी जाएगी।
किस साल में पारित हुआ था CAA?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहली बार CAA 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था। यहां से तो यह बिल पास हो गया।। लेकिन राज्यसभा में जाकर ये अटक गया था। बाद में इसे संसदीय समिति के पास भेजा गया और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव आ गए…और फिर से बीजेपी की सरकार बनी।
दिसंबर 2019 में इसे लोकसभा में दोबारा पेश किया गया और इस बार ये लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगहों से पास हो गया। इसके बाद 10 जनवरी, 2020 को राष्ट्रपति द्वारा इसे मंजूरी मिल गई थी…लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसे लागू करने में देरी हुई।