बर्ड फ्लू एक वायरल इनफ़ेक्शन है, जो संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से इंसानों में फैल सकता है, इससे तेज बुखार, खांसी, मांसपेशियों में दर्द और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बर्ड फ्लू के कारण रेस्पिरेटरी सिस्टम बुरी तरह प्रभावित हो सकता है, जिससे निमोनिया, सीने में दर्द और सांस फूलने की समस्या हो सकती है। गंभीर मामलों में ऑक्सीजन की कमी भी हो सकती है। नसों पर भी बर्ड फ्लू का गंभीर असर पड़ सकता है। यह संक्रमण न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को जन्म दे सकता है, जिससे मस्तिष्क में सूजन, सिरदर्द और शरीर में कमजोरी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
बर्ड फ्लू से बचाव के लिए पोल्ट्री फार्म या पक्षियों से सीधे संपर्क में आने से बचना जरूरी है। खासकर, संक्रमित पक्षियों के आसपास रहने से यह संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है। खाने से पहले हाथ धोना और स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बिना धोए हाथों को आंख, नाक और मुंह पर लगाने से वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।