Exit Poll History: लोकतंत्र का महापर्व अंतिम चरण में हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण की वोटिंग के कुछ ही देर बार एक्जिट पोल के नतीजे ( Exit Poll 2024) आने लगेंगे। इसके बाद नजर होगी 4 जून (Lok Sabha Elections 2024 Result 4 June) को आने वाले नतीजों पर। तो चलिए जानते हैं कि दुनिया में पहली बार एग्जिट पोल की शुरुआत कैसे हुई। ये एग्जिट पोल के नतीजे कितने सटीक होते हैं। जानेंगे कितनी पार्टी को कितनी सीट मिलने की उम्मीद है।
कितने सटीक होते हैं एग्जिट पोल के नतीजे
आपको बता दें दरअसल एग्जिट पोल नतीजों को लेकर एक अनुमान है। जिसे लेकर कुछ एजेंसियां की ओर से एग्जिट पोल के नतीजे जारी किए जाते हैं। चलिए जानते हैं दुनिया में एग्जिट पोल सबसे पहले कहां से शुरू हुआ। साथ ही जानेंगे ये कितने सटीक होते हैं।
यहां हुआ था सबसे पहले सर्वे
अगर आपको नहीं पता तो बता दें भारत के पहले कई देशों में एग्जिट पोल की शुरूआत हुई है। सबसे पहले अमेरिका में एग्जिट पोल की शुरुआत सन 1936 में हुई थी। इस दौरान यहां वोटिंग करने के लिए वोटर्स से पूछा गया था कि उन्होंने किसे राष्ट्रपति पद के लिए वोट दिया है।
यहां के न्यूयॉर्क शहर में जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने सबसे पहले चुनावी सर्वे किया था। इसके बाद अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण एशिया, यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया समेत दुनिया के कई देशों में मतदान के बाद एग्जिट पोल होते रहे हैं।
अनुमान हुआ था सही
आपको बता दें अमेरिका में सर्वे के बाद निकाला गया अनुमान सही साबित हुआ था। जिसमें सर्वे के दौरान एकट्ठे किए गए आंकड़ों में फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट को चुनाव में जीत बताई गई थी, जो रिजल्ट आने के बाद सही साबित हुई थी। हालांकि इस दौरान ऐसा हुआ था कि इस सर्वे ने अमेरिका के चुनाव परिणाम पर असर डाला था जिसके बाद इसे एग्जिट पोल न कहकर सर्वे ही कहा जाने लगा था।
अमेरिका के बाद इस देश में हुआ था एग्जिट पोल
सबसे पहले अमेरिका में एग्जिट पोल की शुरुआत (First Time Exit Poll ) हुई थी। इसके बाद दूसरी बार नीदरलैंड में एग्जिट पोल (Exit Poll History) चलन में आया था। यहां पर 1937 में ब्रिटेन में पहली बार ऐसा ही सर्वे हुआ था। इसके एक साल बाद यानी सन 1938 में फ्रांस में पहली बार वोटर्स से उनका मूड जानने की कोशिश की गई थी। इस दौरान एग्जिट पोल टर्म चलन में नहीं आया था।
नीदरलैंड में सटीक निकला था एग्जिट पोल का रिजल्ट
जानकारी के अनुसार फ्रांस में सर्वे के 39 साल बाद 15 फरवरी 1967 को नीदरलैंड के समाजशास्त्री और पूर्व राजनेता मार्सेल वॉन डैम ने एग्जिट पोल की शुरुआत हुई थी। इस दौरान भी नीदरलैंड में हुए चुनाव के परिणाम को लेकर मार्सेल वॉन डैम का आंकलन एकदम सटीक साबित हुआ था।
कब कैसे हुई एग्जिट पोल की शुरुआत
अमेरिका में एग्जिट पोल की शुरुआत सन 1936 में हुई थी
यहां पर 1937 में ब्रिटेन
इसके एक साल बाद यानी सन 1938 में फ्रांस
15 फरवरी 1967 को नीदरलैंड
भारत में कैसे हुई एग्जिट पोल की शुरुआत
विदेशों में एग्जिट पोल की बात के बाद हम जानते हैं कि भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत कैसे (Exit poll history of india) हुई। इसे लेकर कहा जाता है कि यहां सबसे आजादी के बाद दूसरे आम चुनाव के दौरान सन 1957 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने पहली बार इसके मुखिया एरिक डी कॉस्टा द्वारा सर्वे कराया गया था। ये बात भी है तब इसे एग्जिट पोल (Exit Poll History) नहीं कहा जाता था। 23 साल बाद यानी सन 1980 और 1984 में डॉक्टर प्रणय रॉय की अगुवाई में एक बार फिर सर्वे किया गया था।
भारत में इस सर्वे के बाद बढ़ा था एग्जिट पोल का चलन
भारत में वैसे तो एग्जिट पोल की शुरुआत पहले ही हो गई थी। लेकिन औपचारिक रूप से इसकी शुरुआत की बात करें तो साल 1996 में भारत में एग्जिट पोल (Exit Poll) शुरू माना जाता है। इस समय सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज यानी सीएसडीएस (CSDS) ने इसकी शुरुआत की थी।
इस पत्रकार का एग्जिट पोल हुआ था सच
1996 में पत्रकार नलिनी सिंह ने दूरदर्शन के लिए एग्जिट पोल कराया था। इस दौरान सीएसडीएस (CSDS) द्वारा जो आंकड़े जुटाए थे। उसके अनुसार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunaav 1996 Exit Poll) में भाजपा (BJP) को बढ़त बताई गई थी जो सच साबित हुई थी।
इस एग्जिट पोल के बाद से देश में एग्जिट पोल का चलन बढ़ा था। साल 1998 में प्रायवेट न्यूज चैनल ने पहली बार एग्जिट पोल का प्रसारण किया था।
कैसे किया जाता है एग्जिट पोल
अगर आपको नहीं पता है तो बता दें दरअसल में एग्जिट पोल (Exit Poll History in Hindi) वास्तव में एक तरह का चुनावी सर्वे होता है। जो वोटिंग के दिन किया जाता है। इसमें पोलिंग बूथ से निकलने के बाद वोटर्स से बात की जाती है कि उन्होंने किसे वोट दिया।
इस आधार पर डाटा एकट्ठा किया जाता है। इसी डाटा के आधार पर एक आंकलन लगाया जाता है कि चुनाव में किस पार्टी को बढ़त मिलेगी। साथ ही चुनाव के नतीजे क्या होंगे।
ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में क्या अंतर होता है
ओपिनियन पोल (Opinion Poll) और एग्जिट पोल (Exit Poll) में क्या अंतर होता है। आपको बता दें एग्जिट पोल वोटिंग वाले दिन किया जाता है जबकि ओपिनियन पोल चुनाव के पहले ही कर लिया जाता है।
इसमें वोटर्स के साथ अन्य वर्ग को भी शामिल कर लिया जाता है। फिर वो चाहे वोटर्स हों या न हों। एग्जिट पोल (Exit Poll History) में मतदाताओं से सीधे सवाल कर पूछा जाता है कि उन्होंने किसे वोट दिया लेकिन ओपिनियन पोल में इसके विपरीत ये पूछा जाता है कि उनकी इच्छा किसे वोट देने की है।
कितने सटीक होते है एग्जिट पोल के नतीजे
आपको बात दें एग्जिट पोल (Exit Poll 2024) केवल एक अनुमान होता है। इसके सर्वे का आंकलन एकदम सही हो ये जरूरी नहीं। क्योंकि इसमें जरूरी नहीं कि वोटर्स द्वारा आपको दी जा रही जानकारी सही भी हो।
फिर भी माना जाता है कि एग्जिट पोल 80 से 90 प्रतिशत तक सटीक (Exit Poll Fact) होता है। तो वहीं ओपिनियन पोल (Opinion Poll 2024) की बात करें तो इसमें वोटर्स के पास अपनी राय बदलने के लिए समय होता है। इसके बाद रिजल्ट को लेकर सर्वे बदल सकता है।
यह भी पढ़ें:Exit Poll को लेकर देश में गरमाई सियासत, Amit Shah ने कांग्रेस पर कसा तंज