IAS Neelam Namdev Ekka: बिलासपुर कमिश्नर नीलम नामदेव एक्का को महज 28 दिनों में हटाने के बाद जनक प्रसाद पाठक को नया कमिश्नर बनाए जाने की घोषणा हुई थी, लेकिन सरकार ने अचानक से पाठक की नियुक्ति को रद्द कर दिया और रायपुर कमिश्नर महादेव कावरे को बिलासपुर की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी। अब इस मामले से जुड़े समीकरण सामने आए हैं, जिसमें दो दिनों के भीतर यह बड़ा फेरबदल हुआ है।
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महज 28 दिनों में एक्का को हटाया गया
बिलासपुर के कमिश्नर नीलम नामदेव एक्का को महज 28 दिनों में हटाने के पीछे की वजह सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, एक्का के एक फैसले ने उनकी वापसी के रास्ते खोल दिए। दरअसल, मिशन अस्पताल की लीज से जुड़े मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर कलेक्टर ने बेदखली का आदेश जारी कर दिया था। यह अस्पताल शहर के बीचोंबीच स्थित है और इसकी लीज करीब सौ साल पुरानी थी, जो सालों पहले खत्म हो चुकी थी।
कलेक्टर के आदेश पर दे दिया था स्टे
बिलासपुर में अरबों की जमीन की लीज के मामले में हाईकोर्ट के फैसले के बाद कलेक्टर ने बेदखली का आदेश जारी किया था। लेकिन बिलासपुर के नए कमिश्नर नीलम नामदेव एक्का ने कलेक्टर के इस आदेश पर स्टे दे दिया। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, इस फैसले के बाद सरकार नाराज हो गई और एक्का का तबादला कर दिया गया। अब यह मामला सुर्खियों में है और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पाठक को लेकर इसलिए बदला गया फैसला
इसी तरह जनक प्रसाद पाठक को बिलासपुर कमिश्नर बनाए जाने के आदेश को कुछ ही घंटों में वापस ले लिया गया। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, जांजगीर चाम्पा में कलेक्टर रहते हुए उन पर लगे यौन शोषण के आरोपों के कारण यह फैसला लिया गया। पाठक इस वक्त हाईकोर्ट से जमानत पर हैं और उनके खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है। भाजपा संगठन से जुड़े नेताओं की आपत्ति के बाद सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया।
मुख्यमंत्री ने एक्का के फैसले पर जताई थी नाराजगी
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, नीलम नामदेव एक्का द्वारा मिशन अस्पताल को बेदखली पर रोक लगाने के फैसले की जानकारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को दी गई। मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जताई और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद चंद घंटों में ही आदेश को अमल में लाया गया। इसी तरह जनक प्रसाद पाठक के मामले में भी उच्च स्तरीय चर्चा के बाद आदेश वापस लिया गया। यह दोनों मामले प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
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