सर्दियों में कंबल से मुंह ढककर सोने से होते हैं कई नुकसान

कंबल से मुंह ढकना

ठंडी रात में गर्माहट के लिए कई लोग कंबल से मुंह ढक लेते हैं, लेकिन इससे सांस लेने की हवा कम हो सकती है।

ऑक्सीजन की कमी

कंबल नीचे से हवादार नहीं होता, जिससे सांस लेने की हवा यानी ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और CO₂ वापस सांस में जा सकता है। इससे नींद हल्की, थकान या चक्कर आ सकते हैं।

सांस लेने में दिक्कत

नाक-मुँह पर कंबल होने से हवा की आवाजाही बंद हो जाती है, जिससे साइनस, अस्थमा या सांस से जुड़ी तकलीफ बढ़ सकती है।

नींद पर असर

कम ऑक्सीजन और गर्म हवा में सोने से नींद गहरी नहीं होती। सुबह उठने पर थकावट, सिरदर्द या चिड़चिड़ापन हो सकता है।

त्वचा को नुकसान

कंबल के अंदर गर्मी व नमी से पसीना या रुई जैसी चिपचिपाहट होती है। इससे चेहरे पर मुंहासे जैसी समस्या हो सकती है।

बच्चों के लिए खतरनाक

बच्चे या नवजात अगर चेहरा कंबल से ढककर सोते हैं तो उनके सांस रुकने का खतरा बढ़ सकता है। उन्हें हमेशा चेहरा खुला रखकर सोना चाहिए।

सर्दियों में समझदारी

शरीर को कंबल से ढकें, लेकिन चेहरा खुला रखें। स्वस्थ नींद के लिए कंबल, मुंह और नाक को अलग रखें।