सोशल इंपैक्टकई बार सामाजिक मान्यताएं और रूढ़िवादी सोच लड़कियों को अधिक डिमांडिंग बना देती है, क्योंकि उनसे उम्मीद की जाती है कि वे रिश्ते को संभालें और सही दिशा दें।
इमोशनल नीड्सलड़कियां अक्सर इमोशनली अधिक जुड़ी होती हैं और उन्हें सिक्योरिटी और अटेंशन की ज्यादा जरूरत हो सकती है, जिससे वे कभी-कभी ज्यादा डिमांडिंग लग सकती हैं।
बातचीत में कमीअगर बातचीत सही नहीं है, तो दोनों पक्षों में से कोई भी अधिक डिमांडिंग हो सकता है। लड़के भी कई बार अपनी जरूरतों को स्पष्ट नहीं कर पाते और इससे तनाव पैदा हो सकता है।
व्यक्तिगत अंतरहर व्यक्ति अलग होता है। कुछ लड़के अधिक डिमांडिंग हो सकते हैं, जबकि कुछ लड़कियां। यह उनके व्यक्तित्व और पारिवारिक बैकग्राउंड पर निर्भर करता है।
रिलेशनशिप लेवलशुरुआती दौर में लड़कियां अधिक डिमांडिंग हो सकती हैं, लेकिन जैसे-जैसे रिश्ता गहराता है, लड़के भी अपनी एक्सपेक्टेशन रखने लगते हैं।
स्वार्थ और समझदारीअगर एक पक्ष स्वार्थी है, तो वह अधिक डिमांडिंग हो सकता है। वहीं, अगर दोनों एक-दूसरे को समझते हैं, तो डिमांडिंग होने की संभावना कम होती है।
बैलेंस की कमीरिश्ते में संतुलन बनाए रखना जरूरी है। अगर एक पक्ष ज्यादा डिमांडिंग हो जाता है, तो रिश्ते में तनाव पैदा हो सकता है।