कमरे में अंगीठी जलाकर सोना कितना खतरनाक? जानिए कैसे होती है नींद में मौत

बंद कमरे में कोयला जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनती है, जो बिना रंग और गंध की होती है और सबसे ज्यादा जानलेवा होती है।

CO गैस खून में जाकर ऑक्सीजन की जगह ले लेती है। शरीर को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और व्यक्ति गहरी नींद में ही बेहोश हो जाता है।

गैस की कोई गंध नहीं होने से खतरा कभी पता नहीं चलता। सांस धीमी पड़ती है और नींद में ही मौत हो जाती है।

बंद कमरे में धुआं, कम ऑक्सीजन और कोयले की अधूरी जलन से घुटन बढ़ती है। यही वजह है कि अंगीठी सबसे खतरनाक है।

क्वार्ट्ज और कॉइल हीटर हवा को सुखाते हैं और लंबे समय तक चालू रखने पर घुटन, सिरदर्द और आग लगने का खतरा बढ़ाते हैं।

ब्लोअर हीटर कमरे की ऑक्सीजन कम कर देते हैं। लंबे समय तक उपयोग से सांस लेने में दिक्कत और आंख-त्वचा में सूखापन होता है।

ऑयल-फिल्ड रेडिएटर सबसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि यह न हवा जलाता है न ऑक्सीजन घटाता है। पूरी रात इस्तेमाल किया जा सकता है।