गोबर की ईंट से बना फ्लोटिंग हाउस

बिहार के बक्सर में गोबर की ईंट से पानी में फ्लोटिंग हाउस बनाया गया है।

ये घर 1 हजार स्क्वायर फीट में बना है, जिसकी लागत सिर्फ 6 लाख रुपए है।

इस घर को सेंटर ऑफ रिजिलिस के अपसाइक्लिंग आर्टिस्ट प्रशांत पांडे ने 2 साल में तैयार किया है।

इसे गंगा नदी के रास्ते ही बक्सर से पटना ले जाया जा रहा है। अभी यह आरा पहुंचा है और 15 अक्टूबर तक पटना पहुंच जाएगा।

इस घर के कमरे और किचन पुरानी  या बेकार चीजों से बनाए गए हैं।

इस घर की खासियत ये है कि ये बाढ़ के समय डूबने की जगह तैरने लगता है।

प्रशांत के मुताबिक ये घर स्लाइडिंग चेन से बंधे होंगे, जो कि बाढ़ आने पर 10 फीट तक ऊपर उठ जाएंगे। 

प्रशांत बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में ऐसे घर, स्कूल, सामुदायिक भवन बनाकर गांव बसाने के प्रोजेक्ट पर काम करना चाहते हैं।

इसे 22 देशों के वॉलेंटियर्स ने मिट्टी, घास-फूस, सुरकी-चूना, बांस और बेकार चीजों से इसे बनाया है।

ये घर सर्दी में गर्म और गर्मी में ठंडा रहता है। इसके साथ ही खुद के लिए सौर, पवन ऊर्जा, भोजन और स्वच्छ पानी का इंतजाम कर सकता है। 

इसमें मानव मल को पानी और गैस में बदलने के इंतजाम हैं।