मंदिर जाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान — प्रेमानंद महाराज ने दी जरूरी सीख

मंदिर में प्रवेश से पहले मन और शरीर की पवित्रता जरूरी है। प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अशुद्ध अवस्था में मंदिर न जाएं।

प्रभु या गुरुदेव के सामने एक हाथ से प्रणाम करना अपराध माना गया है। हमेशा दोनों हाथ जोड़कर ही प्रणाम करें।

महाराज कहते हैं कि प्रभु के सामने जाकर प्रणाम न करना भी भूल है। हर बार दर्शन पर पूर्ण श्रद्धा से प्रणाम करना चाहिए।

शौच किए हुए वस्त्रों में मंदिर जाना गलत है। पवित्र वस्त्र पहनकर ही मंदिर जाएं ताकि मन और बुद्धि शुद्ध रहे।

बार-बार शौच जाने की स्थिति में कमर से नीचे स्नान, हाथ धोना, कुल्ला व नाक-कान शुद्ध करना आवश्यक बताया गया है।

महाराज कहते हैं कि अशुद्धता से बुद्धि मलिन हो जाती है और मलिन बुद्धि से भगवान में ध्यान नहीं लगता।

प्रभु की परिक्रमा एक ही जगह खड़े-खड़े घूमकर नहीं करनी चाहिए। दाहिनी ओर से चलकर पूरी परिक्रमा करें।

मंदिर में भगवान के सामने पैर फैलाकर बैठना अपराध है। यदि समस्या हो, तो जितनी देर संभव हो उतनी देर खड़े रहें।

यदि मंदिर में कोई आपको प्रणाम करे तो आशीर्वाद न दें। महाराज कहते हैं कि ध्यान केवल और केवल प्रभु पर लगाएं।