प्रेमानंद जी महाराज ने बताए मंत्र या नाम जपने का सही तरीका

प्रेमानंद जी महाराज ने नाम और मंत्र जपने का सही तरीका बताया है। 

उन्होंने बताया कि मंत्र को जपने के दो तरीके 'उपांश' और 'मानसिक' होते हैं। 

वहीं, नाम को तीन तरह से जपना चाहिए- वाचिक, उपांश और मानसिक।

हर तरीके से जप करने के लिए जीभ-होंठों की स्थिति अलग-अलग होती है। चलिए जानते हैं।

वाचिक जप में जप करते समय आवाज बाहर आती है।

उपांशु जप में बहुत धीमे स्वर में जप किया जाता है और जीभ-होंठ हिलते हैं। 

मानसिक जप: इस तरीके में जप करते समय मन के अंदर ही अंदर बिना ध्वनि या होंठ हिलाए जप होता है।