जब प्रेमानंद से पूछा गया कि हमेशा अपने पार्टनर के बारे में सोचना-बात करना प्रेम हैं

इस पर प्रेमानंद कहते हैं कि प्रेम हमेशा याद करना और बात करना, चिंतन करना नहीं है यह काम वासना है प्रेम नहीं है

पति-पत्नी का रिश्ता दो दिलों को जोड़ने वाला रिश्ता होता है, इस रिश्ते में लड़ाई झगड़े, मस्ती मजाक हर चीज होती है

लेकिन कई बार पति-पत्नी के रिश्ते में शक पैदा होने लगता है. किसी भी रिश्ते में शक होना एक बहुत बड़ी समस्या बन जाता है।

आपके मन में चल रहा है वह आप अपने पति को बता सकती हैं