महाकुंभ की सुंदरता में चार चांद लागा रहे विदेशी प्रजाती के फूल
मोक्ष और नर्क के पौराणिक द्वार के बीच बसे काशी भी महाकुंभ की तैयारियों में डूबा हुआ है।
प्रयागराज में संगम के बीच बसे तारे रूपी टेंट को बाबा काशीविश्वनाथ के बगिया में खिले रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जा रहा है।
काशी समेत देश विदेश के अलग अलग हिस्सों से आये रंग-बिरंगे फूल एक तरफ गंगा,यमुना और सरस्वती के तट पर खिलते हुए नजर आ रहे है
वहीं दूसरी ओर महाकुंभ के सुंदरता में 500 से ज्यादा प्रजाति के फूल चार चांद लगा रहे है।
महाकुंभ की आभा को निखारने के लिए विदेशी प्रजाति के कर्मोना, लिलियम, मेक्सिकन पिटोनिया, गोलटेंन को विशेष रूप से काशी में तैयार किया जा रहा है।
महाकुंभनगर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए रंग-बिरंगे सुगन्धित फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है
इसके अलावा थाईलैंड के कर्मोना प्लांट के पत्तियों और फूलों से साधु, संत,देवताओं की आकृति और स्वागत के लिए तोरणद्वार भी बनाये जा रहे है।