मां पर लिखे गए बेहतरीन शेर, पढ़कर आप कहेंगे वाह !

आज 11 मई को मदर्स डे है। ये दिन हर मां को समर्पित है।

कहते हैं भगवान हर जगह नहीं हो सकता इसलिए उसने मां को बनाया है।

मां पर कमाल के शेर लिखे गए हैं। इन्हें पढ़कर आपके मुंह से वाह ही निकलने वाला है।

चलती फिरती हुई आँखों से अजाँ देखी है मैंने जन्नत तो नहीं देखी है, माँ देखी है (मुनव्वर राणा)

एक मुद्दत से मेरी माँ नहीं सोई 'ताबिश' मैंने इक बार कहा था मुझे डर लगता है (अब्बाश ताबिश)

दुआ को हाथ उठाते हुए लरजता हूँ कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए (इफ्तिखार आरिफ)

जब भी कश्ती मिरी सैलाब में आ जाती है माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है (मुनव्वर राणा)

मुद्दतों बाद मयस्सर हुआ माँ का आँचल मुद्दतों बाद हमें नींद सुहानी आई (इकबाल अशहर)