देश में मनुस्मृति पर विवाद हो रहा है। ऐसा अक्सर होता है।
संसद में राहुल गांधी ने संविधान के साथ मनुस्मृति दिखाई थी। RJD प्रवक्ता प्रियंका भारती ने मनुस्मृति की कॉपी फाड़ी।
राहुल गांधी ने कहा था कि सावरकर बोलते थे कि भारत के संविधान के बारे में सबसे बुरी बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। वे मनुस्मृति की बात करते थे।
डॉ. भीमराव अंबेडकर ने मनुस्मृति को जलाया था।
क्या आप जानते हैं आखिर मनुस्मृति में ऐसा क्या लिखा है कि इस ग्रंथ पर विवाद होता है।
मनुस्मृति हिंदू धर्म के सबसे पुराने ग्रंथों में से एक है। मनुस्मृति को मनु संहिता या मानव धर्मशास्त्र के नाम से भी जानते हैं।
मनुस्मृति महर्षि मनु ने लिखी है। मनुस्मृति में 12 अध्याय हैं, जिनमें 2684 श्लोक हैं। कुछ संस्करणों में श्लोकों की संख्या 2964 है।
मनुस्मृति के श्लोक हिंदुओं को धर्म और उनके कर्तव्यों के बारे में बताते हैं।
मनुस्मृति में किसी का वर्ण तय करने के लिए उसके कामकाज, हुनर और योग्यता को आधार बनाया गया, न कि जन्म को।
इसमें जातियों और जीवन के अलग-अलग हालातों में सामाजिक दायित्व और कर्तव्य की जानकारी है।
मनुस्मृति में अलग-अलग जातियों के पुरुष और महिला से जुड़े पर्सनल और प्रोफेशनल नियम-कायदे बताए गए हैं।
मनुस्मृति में महिलाओं के कर्तव्यों और जीने के तरीकों के बारे में बताया गया है, जो मौजूदा समय में सही नहीं माना जाता है।
मनुस्मृति में शूद्रों और महिलाओं को लेकर कई बातें लिखीं हैं जिन पर विवाद होता है।