महाराजा अग्रसेन जयंती, क्या है एक ईंट और एक रुपया की कहानी

23 सितंबर को महाराजा अग्रसेन की जयंती मनाई जा रही है।

महाराजा अग्रसेन को करुणामयी स्वभाव, समाजवाद के प्रवर्तक, युग पुरुष और राम राज्य के समर्थक के रूप में जाना जाता है।

महाराजा अग्रसेन को समाज के लिए किए गए कार्यों के लिए युगों-युगों तक याद किया जाएगा।

महाराजा अग्रसेन ने हरियाणा के हिसार के पास एक राज्य अग्रोहा बसाया था।

महाराजा अग्रसेन ने अग्रोहा में एक रुपया, एक ईंट का सिद्धांत बनाया था।

राज्य में आने वाले हर नए व्यक्ति को पहले से बसे परिवारों से एक ईंट और एक रुपया मिलता था, ताकि वो अपना घर बना सके और व्यापार शुरू कर सके।

महाराजा अग्रसेन के शासन में प्रजा के बीच ऊंच-नीच का कोई भेद नहीं था और सभी को समान अधिकार प्राप्त थे। उन्होंने यज्ञों में पशुबलि का विरोध किया और अहिंसा के मार्ग को अपनाया था।