4 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस मनाया जाता है।
1947 में महाराजा रामानुज प्रताप ने भारत के आखिरी चीते का शिकार किया था।
1952 में भारत सरकार ने चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया था।
17 सितम्बर 2022 को पीएम मोदी ने कूनो पालपुर में चीते छोड़कर प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी।
नामीबिया से 8 चीतों को MP के कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाया गया था।
अब कूनो पालपुर और गांधी सागर अभयारण्य में चीतों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।
32 में से 21 चीतों का जन्म भारत में हुआ है। चीतों को भारत का माहौल रास आ रहा है। चीता प्रोजेक्ट सफल माना जा रहा है।