परीक्षा में लिख आए मैं आज्ञाकारी हूं, टीचर ने कर दिया पास, ऐसे थे डॉ. राजेंद्र प्रसाद

भारत देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती है। उनके जीवन की ऐसी बातें जो आप शायद ही जानते होंगे।

भारत के इतिहास में सबसे ज्यादा बहुमत से चुने गए राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे। उनके पक्ष में 90 प्रतिशत से ज्यादा वोट पड़े थे।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद को अंग्रेजों ने कई बार जेल भेजा। जेल में उन्होंने अपनी फेमस किताब ‘आत्मकथा’ (Autobiography) लिखी।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद की शादी 12 साल की उम्र में हो गई थी, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई कभी नहीं छोड़ी।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत और उर्दू, चारों भाषाओं पर मजबूत पकड़ रखते थे।

बचपन में एक बार डॉ. राजेंद्र प्रसाद से परीक्षा में कुछ भी नहीं लिखा गया, तो उन्होंने सिर्फ इतना लिखा, 'I am obedien' यानी मैं आज्ञाकारी हूं। उन्हें शिक्षक ने पास कर दिया था।

चंपारण सत्याग्रह के समय गांधी जी उनके घर रुके थे। कहा जाता है कि उन्होंने अपनी पत्नी को खाने में दिया गया घी निकालकर गांधी जी को दे दिया था।

राष्ट्रपति भवन में रहते हुए भी डॉ. राजेंद्र प्रसाद अपनी रसोई से आने वाला खर्च खुद देते थे और सरकारी खर्च में कटौती कराते थे।