IAS के पर पद नौकरी करने के लिए UPSC CSE की परीक्षा पास करना होता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना इस परीक्षा को पास किए भी IAS ऑफिसर बन सकते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा बिना पास किए IAS बनने के दो रास्ते हैं- एक राज्य सिविल सेवा परीक्षा पास करके यानी कि PCS बनने के बाद IAS और दूसरा सिविल सर्विसेज लैटरल एंट्री के जरिए।
बता दें, PCS ऑफिसर आगे चलकर IAS बन सकता है। इसके लिए राज्य सिविल सेवा परीक्षाएं पास करके सबसे पहले एसडीएम बनना होगा।
एसडीएम के रूप में करीब 12-15 साल नौकरी करने के बाद आईएएस कैडर में प्रमोशन हो सकता है।
हालांकि, IAS (प्रमोशन से अप्वाइंटमेंट) रेगुलेशन्स 1955 के अनुसार, 8 साल की सर्विस के बाद आईएएस कैडर में प्रमोशन पाने की योग्यता हासिल हो जाती है।
पीसीएस अधिकारियों के आईएएस कैडर में प्रमोशन के लिए एक कमेटी बनती है। इसमें राज्य सरकार के चीफ सेक्रेटरी, सेवारत कैडर के सीनियर अधिकारी, राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग का प्रमुख और भारत सरकार द्वारा नामित दो अधिकारी शामिल होते हैं।
कमेटी अधिकारियों के एनुअल कॉन्फीडेंशियल रिपोर्ट (एसीआर) का एनालिसिस करती है, इसके बाद ऑफिशर के नाम को आगे बढ़ाती है।
सिविल सर्विसेज में आने का दूसरा तरीका लेटरल एंट्री स्कीम है। इसके जरिए तीन चरणों वाली यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दिए बगैर ज्वाइंट डायरेक्टर या सेक्रेटरी लेवल के पद पर नियुक्ति होती है।
इसके लिए प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला 40 साल तक का कोई भी अधिकारी अप्लाई कर सकता है। आवेदन के बाद भारत सरकार के कैबिनेट सेक्रेटरी की अगुवाई वाली कमेटी के सामने इंटरव्यू देना होता है।
अधिकारी के पास संबंधित फील्ड में कम से कम 15 साल काम करने का अनुभव होना चाहिए।
लैटरल एंट्री के जरिए फाइनेंस, आर्थिक मामलों, खेती-किसानी, सड़क, शिपिंग (पानी के जहाज), पर्यावरण, नवीकरणीय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और कॉमर्स विभाग में ज्वाइंट डायरेक्टर या सेक्रेटरी लेवल के पद पर नियुक्त किया जाता है।
लेटरल एंट्री से नियुक्ति तीन साल के कॉन्ट्रैक्ट पर होती है।