भारतीय धर्म शास्त्रों में जुए का जिक्र महाभारत में देखने को मिलता है।
पहली बार जुआ महाभारत में पांडवों और कौरवों के बीच खेला गया था। जिसमें युधिष्ठिर जुआं में अपना सबकुछ हार गए थे।
इसके बाद भी लोग दिवाली की रात जुआ खेलना शुभ मानते हैं।
दूसरी मान्यता यह भी है कि देवी पार्वती ने दिवाली की रात कैलाश पर्वत पर भगवान शिव के साथ पासा खेला था। इसके बाद माता पार्वती ने कहा, जो इस रात जुआ खेलेगा वह समृद्ध होगा।
हालांकि नए लोग इस परंपरा को कम मानते हैं और पुराने लोगो को अब भी इस पर विश्वास है।
डिस्क्लेमर: भारत में जुआ खेलना अवैध है। यह कानून की नजरों में दंडनीय अपराध है। धार्मिक रूप से भी इसे बुरा माना जाता है।