अनुलोम-विलोम प्राणायाम
नाक के दोनों छिद्रों से बारी-बारी सांस लें और छोड़ें। इससे नाक की नलिकाएं साफ होती हैं और बंद नाक खुल जाती है।
कपालभाति प्राणायाम
लगातार सांस को तेजी से बाहर छोड़ें। यह साइनस साफ करता है और सर्दी-जुकाम में राहत देता है।
भस्त्रिका प्राणायाम
गहरी सांस अंदर लें और तेजी से बाहर छोड़ें। इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और नाक की समस्या दूर होती है।
भुजंगासन (कोबरा पोज़)
पेट के बल लेटकर, शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाएं। यह सांस लेने की नलिकाओं को खोलता है।
सर्वांगासन
पीठ के बल लेटकर पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। इससे रक्त संचार सुधरता है और नाक की बंदी दूर होती है।
मात्स्यासन (फिश पोज़)
पीठ के बल लेटकर गर्दन और छाती को ऊपर उठाएं। यह श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है और नाक को साफ करता है।
धनुरासन (बो पोज़)
पेट के बल लेटकर, पैरों और हाथों को ऊपर उठाएं। यह फेफड़ों को मजबूती देता है और सर्दी से राहत दिलाता है।
इस जानकारी को अमल में लेने से पहले डॉक्टरों की सलाह अवश्य लें।