सर्दी-खांसी से तुरंत राहत देगा ये आयुर्वेदिक काढ़ा

सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है कफ

ठंड के मौसम में सर्दी, खांसी और कफ की समस्या आम हो जाती है। ठंडी हवा और कमजोर इम्युनिटी इसकी बड़ी वजह होती है, जिससे नाक बहना और गला खराब होना शुरू हो जाता है।

आयुर्वेदिक काढ़ा क्यों है असरदार

यह आयुर्वेदिक काढ़ा सर्दी को जड़ से खत्म करने में मदद करता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व शरीर की इम्युनिटी बढ़ाते हैं और जमे हुए कफ को बाहर निकालने में सहायक होते हैं।

तुलसी का औषधीय फायदा

तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। यह गले की खराश को शांत करती है और सर्दी-जुकाम से जल्दी राहत दिलाने में मदद करती है।

अदरक, काली मिर्च और दालचीनी की ताकत

अदरक सूजन कम करता है, काली मिर्च बलगम को ढीला करती है और दालचीनी शरीर को अंदर से गर्म रखती है। तीनों मिलकर सर्दी पर असरदार वार करते हैं।

काढ़ा बनाने के लिए जरूरी सामग्री

एक कप पानी में 5-6 तुलसी के पत्ते, आधा इंच कुटा हुआ अदरक, 4-5 काली मिर्च और दालचीनी का एक छोटा टुकड़ा इस काढ़े के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

काढ़ा बनाने की सही विधि

सभी सामग्री को पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए। इसके बाद काढ़े को छान लें और हल्का गुनगुना होने दें।

शहद मिलाकर कैसे पिएं

जब काढ़ा गुनगुना हो जाए तो उसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं। इसे सुबह खाली पेट या रात में पीना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।

कब और कितने दिन सेवन करें

इस काढ़े को रात में खाने के करीब 2 घंटे बाद सोने से पहले पिया जा सकता है। 2-3 दिन नियमित सेवन से नाक बहना, गले की खराश और सिर भारीपन में साफ राहत महसूस होती है।