अफ्रीका की मसाई जनजाति दूध में जानवर का खून मिलाकर पीती है।
यह अर्द्ध-खानाबदोश जनजाति मुख्यत: दक्षिणी केन्या, उत्तरी तंजानिया और इथोपिया में निवास करती है। यह एक नीलोटिक जातीय समूह है।
मसाई जनजाति के लोगों का जीवन काफी हद तक जानवरों पर निर्भर होता है। सैकड़ों की संख्या में गाएं पालते हैं।
मसाई जनजाति के पारंपरिक आहार में मांस, रक्त, दूध, फैट, शहद और पेड़ की छाल शामिल है।
वे ताजा दूध भी पीते हैं और कभी-कभी इसमें मवेशी का ताजा खून भी मिलाते हैं। दूध में खून मिलाकर आमतौर पर धार्मिक परंपराओं के दौरान पीते हैं।
इसे मसाई लोग बीमार पड़ने पर भी पीते हैं। ये लोग खून निकालने के लिए मवेशी के गले की नस को काटते हैं या उसे पंचर कर देते हैं।
मसाई जनजाति के लोग दुनिया के सबसे लंबे लोगों में से हैं। उनकी औसत लंबाई 190.5 सेमी / 6.25 फीट है। लंबाई में इनकी बराबरी सिर्फ तुत्सी जनजाति के लोग ही कर पाते हैं।
ये लोग एकेश्वरवादी हैं, एन्गई नाम के देवता की पूजा करते हैं। अब बड़ी संख्या में मसाई लोगों ने ईसाई धर्म भी अपना लिया है।