NSG के मेजर संदीप ने ताज होटल में कई बंधकों को बचाया और लड़ते हुए शहीद हुए। उनके शब्द थे- “मैं संभाल लूंगा।”
ASI तुकाराम ने कसाब की राइफल को नंगे हाथों से पकड़ा। गोलियां लगने के बावजूद वे डटे रहे और कसाब जिंदा पकड़ा गया।
ATS चीफ हेमंत करकरे ने कामा अस्पताल के पास आतंकियों से मुकाबला किया और सीने पर गोलियां खाकर वीरगति प्राप्त की।
ACP अशोक कामटे ने बहादुरी से आतंकियों का सामना किया और करकरे व सालस्कर के साथ शहीद होकर देश को गौरवान्वित किया।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सालस्कर ने आतंकियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लड़ते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए।
NSG कमांडो बिष्ट नरीमन हाउस ऑपरेशन में ग्रेनेड लगने के बाद भी लड़ते रहे। कई बंधकों की जान बचाई और शहीद हुए।
ताज होटल के GM करमबीर कांग ने परिवार खोकर भी डटे रहे। उन्होंने सैकड़ों मेहमानों को सुरक्षित बाहर निकलवाया।
केवल 24 साल की मल्लिका ने 60 से अधिक लोगों को सुरक्षित छुपाया। लाइट बंद कर सभी को शांत रहने को कहा और जानें बचाईं।
थॉमस ने मेहमानों को सुरक्षित निकालते हुए शहादत दी। तौफीक ने घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाकर कई जानें बचाईं।