हाइलाइट्स
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मानसून अंडमान- निकोबार पहुंच गया
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केरल में मानसून 28 मई से 3 जून के बीच आएगा
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मध्य प्रदेश में जून की इस तारीख को पहुंचेगा मानसून
Weather Update: देश में मानसून ने अपनी दस्तक दे दी है। मानसून अंडमान-निकोबार पहुंच गया है।
इसके 31 मई तक केरल में पहुंचने की संभावना है। यहां यह भी बता रहे हैं कि मध्य प्रदेश में मानसून कब आएगा।
अंडमान- निकोबार द्वीप समूह में पिछली बार भी 19 मई का आया था मानसून
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, मानसून अंडमान-निकोबार पहुंच गया है।
पिछले साल भी मानसून ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 19 मई को ही दस्तक दी थी, लेकिन केरल में 9 दिन देरी से 8 जून को (Weather Update) पहुंचा था।
वहीं देश में गर्मी सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। रविवार को दिल्ली के अधिकांश क्षेत्रों में तापमान 45 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।
केरल मे 28 मई से 3 जून के बीच पहुंचेगा मानसून
आईएमडी (Weather Update) के मुताबिक इस साल मानसून सामान्य तारीख से पहले ही केरल में दस्तक दे सकता है। वैसे केरल में मानसून आने की सामान्य तारीख 1 जून है।
घोषित तारीख में 4 दिन कम या ज्यादा होने की गुंजाइश रखी गई है। यानी मानसून 28 मई से 3 जून के बीच कभी भी आ सकता है।
मध्य प्रदेश में 16 से 21 जून के बीच आएगा मानसून
IMD (Weather Update) के अनुसार, मानसून के मध्य प्रदेश में 16 से 21 जून और राजस्थान में 25 जून से 6 जुलाई तक पहुंचने के आसार हैं।
वहीं यूपी में 18 से 25 जून और बिहार-झारखंड में 18 जून तक पहुंच जाएगा।
1972 में सबसे देरी से 18 जून को केरल आया था मानसून
IMD (Weather Update) के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 150 साल में मानसून के केरल पहुंचने की तारीखें काफी अलग रही हैं।
1918 में मानसून सबसे पहले 11 मई को केरल पहुंच गया था, जबकि 1972 में सबसे देरी से 18 जून को केरल पहुंचा था।
बीते चार साल की बात करें तो 2020 में मानसून 1 जून को, 2021 में 3 जून को, 2022 में 29 मई को और 2023 में 8 जून को केरल पहुंचा था।
इस बार ला नीना से अच्छी बारिश का अनुमान
क्लाइमेट (जलवायु) के दो पैटर्न होते हैं, अल नीनो और ला नीना। पिछले साल अल-नीनो सक्रिय था, जबकि इस बार अल-नीनो परिस्थितियां इसी हफ्ते खत्म हुई हैं
और संभावना बन रही है कि तीन से पांच हफ्तों में ला-नीना परिस्थितियां पैदा हो जाएंगी।
पिछले साल अल-नीनो के समय सामान्य से कम 94% बारिश हुई थी। 2020 से 2022 के दौरान ला-नीना ट्रिपल डिप के दौरान 109%, 99% व 106% बारिश हुई थी।
क्या होता है ला नीना और अल नीनो?
अल नीनो: इसमें समुद्र का तापमान 3 से 4 डिग्री बढ़ जाता है। इसका प्रभाव 10 साल में दो बार होता है।
इसके प्रभाव से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र में कम और कम बारिश वाले क्षेत्र में ज्यादा बारिश होती है।
ला नीना: इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। इसका दुनियाभर के मौसम पर असर पड़ता है।
आसमान में बादल छाते हैं और अच्छी बारिश होती है।
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इस साल 106% यानी 87 सेंटीमीटर बारिश की संभावना
पिछले महीने IMD ने बताया था कि देश में इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश (Weather Update) होने की संभावना है।
मौसम विभाग 104 से 110 फीसदी के बीच बारिश को सामान्य से बेहतर मानता है।
यह फसलों के लिए अच्छा संकेत है। खरीफ की फसलें सामान्य मानसूनी बारिश पर निर्भर करती हैं।
IMD ने बताया कि 2024 में 106% यानी 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है।
4 महीने के मानसून सीजन के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) 868.6 मिलीमीटर यानी 86.86 सेंटीमीटर होता है।
यानी मानसून सीजन में कुल इतनी बारिश होनी चाहिए।
दिल्ली में गर्मी ने तोड़े रिकॉर्ड, 7 दिन हीटवेव का अलर्ट
इधर, देश भीषण गर्मी के चपेट में है। राजधानी दिल्ली भी खूब तप रही है। रविवार को यहां का अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया,
जो इस सीजन में अब तक का सबसे ज्यादा तापमान है।
मौसम विभाग कह रहा है कि अगले एक सप्ताह तक गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि राजस्थान से आ रही गर्म हवाएं दिल्ली को और झुलसाएंगी।
दिल्ली के मुख्य मौसम केंद्र सफदरजंग अब्जर्वेटॉरी में अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
जो सामान्य से चार डिग्री अधिक है। जबकि न्यूनतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य से दो डिग्री ज्यादा है।
दिल्ली का नजफगढ़ देश में सबसे ज्यादा गर्म रहा
दिल्ली के अधिकांश क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 45 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार से छह डिग्री अधिक है।
नजफगढ़ राष्ट्रीय राजधानी का सबसे गर्म इलाका रहा, जहां अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
नजफगढ़ का अधिकतम तापमान भी देश में सबसे ज्यादा रहा।