Vladivostok: बीती 24 फरवरी से रूस, यूक्रेन में हमला कर रहा। लगभग 6 महीने बीतने के बाद और काफी जनसंहार होने के बाद भी अभी तक रूस और यूक्रेन के मध्य का युद्ध रुका नहीं है और इसी बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बयान सामने आ रहा है।
पुतिन ने कहा कि “1991 में सोवियत के विघटन के बाद यूक्रेन से युद्ध एक टर्निंग पॉइंट है। इससे कोई नुकसान नहीं हुआ बल्कि फायदा ही हुआ है।”
लेकिन पुतिन के इस बयान में कहाँ तक सच्चाई है यह देखने वाली बात है क्योंकि रूस भले ही पिछले 6 महीनों से यूक्रेन में हमला कर रहा हो लेकिन यूक्रेन ने अभी तक गुठने नहीं टेके हैं और जानकारों का कहना है की अब यूक्रेन को हराना रूस के बस में नहीं है, हाँ अगर रूस किसी परमाणु हथियार का इस्तेमाल करता है तो स्थिति कुछ अलग हो सकती है परन्तु रूस ऐसा करेगा नहीं क्योंकि इससे विश्वयुद्ध होने का खतरा बढ़ सकता है और अगर विश्व युद्ध होता है तो भारी जान-माल का नुकसान होगा और इसका असर सभी देशों को होगा। वहीं पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए हैं। बावजूद इसके रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि इस युद्ध से उन्हें कोई नुकसान नहीं बल्कि फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे रूस का दुनिया पर दबदबा बढ़ेगा। पुतिन का कहना है कि यूक्रेन के खिलाफ यह ‘स्पेशनल मिलिट्री ऑपरेशन’ सोवियत संघ के विघटने के बाद एक टर्निंग पॉइंट है।
कहाँ बोल रहे थे पुतिन-
पुतिन का यह बयान पेसिफिक सिटी व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में बोलते हुए सामने आया आया है। अपने भाषण में उन्होंने यूक्रेन का ज्यादा जिक्र नहीं किया। हालांकि जब उनसे यूक्रेन के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने यही कहा, इस युद्ध से केवल फायदा हुआ है, कोई नुकसान नहीं।
क्या वाकई रूस को फ़ायदा हुआ है?-
पुतिन भले ही इस युद्ध से बहुत कुछ प्राप्त करने की बात कह रहे हैं लेकिन NATO ने इस युद्ध के खिलाफ बड़ी गोलबंदी कर ली है। पूर्वी यूरोप में NATO ने अपनी स्थिति मजबूत की है और अब स्वीडन और फिनलैंड को भी सदस्य बनाने की योजना बना ली है। जबकि रूस का यूक्रेन पर हमला करने के एक यह भी मकसद था कि नाटो को बढ़ने से रोका जाए लेकिन रूस का यह मकसद अब सिद्ध होता नहीं दिख रहा है।