CG News: कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लॉक भलपहरी गांव में आशा मिनरल्स की गिट्टी खदान है. जहां गिट्टी निकालने के लिए ब्लास्ट किए जाते हैं. इन ब्लास्ट की वजह से आसपास के 5 से 6 गांवों का वाटर लेवल डाउन हो गया है. जिसके बाद खदान मालिक और ग्रामीणों के बीच एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है. भलपहरी समेत 5 गांवों के सैकड़ों ग्रामीण समनापुर मार्ग से रैली निकालकर जिला मुख्यालय पहुंचे. कलेक्ट्रेट का घेराव किया.
खदान के 20 किलोमीटर तक खेती पर असर
ग्रामीणों का आरोप है कि जब से भलपहरी गांव में आशा मिनरल्स गिट्टी खदान शुरू हुई है. तब से आसपास लगभग 20 किलोमीटर इलाके के भलपहरी, महली, खंड़सरा, अचानकपुर सहित 5-6 गांव में जलस्तर (Water Level) गिरते जा रहा है. अब आलम ये है कि गांवों में पीने के पानी की भी किल्लत हो गई है.
खदान में महीने में 100 से 200 बार विस्फोट किया जाता है. इन धमाकों के कारण धूल मिट्टी से खेतों में फसल खराब हो जाती है. खेतों में बोर और गांव के हैडपंप सूखने लगे हैं. कई बार शिकायत की लेकिन शासन-प्रशासन खदान को बंद नहीं करा रहा है.
चिलचिलाती गर्मी में सड़क पर उतरे ग्रामीण
कबीरधाम कलेक्ट्रेट के बाहर चिलचिलाती धूम में ग्रामीण धरने पर बैठे हुए हैं. उनकी मांग है कि गांव के गिट्टी खदान को बंद किया जाए. अचानक कलेक्टोरेट घेराव की जानकारी आने पर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंची. हालांकि ग्रामीणों को कार्यालय के भीतर प्रवेश नहीं दिया गया. ये ग्रामीण बाहर धूप में ही बैठ गए.
पहले भी हुआ था विवाद
ग्रामीणों ने बताया कि पिछली बार विवाद होने के बाद भी खदान को बंद करने के आदेश जारी हुए थे. जिसके बाद एक महीने भर बाद इसे फिर से चालू कर दिया गया. अब कलेक्ट्रेट गेट के बाहर ही गांव की महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं. हालांकि शनिवार की छुट्टी होने के कारण कलेक्टर कार्यालय में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था.
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सुरक्षा कर्मियों ने फोन कर अधिकारियों को बुलाया. इसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे. ज्ञापन लेने पहुंचे तहसीलदार और एसडीएम को महिलाओं ने ज्ञापन देने से मना कर दिया और कलेक्टर को बुलाने की बात कह गेट के सामने धरने पर बैठी हुई हैं. इसके साथ ही तत्काल खदान को बंद कराने की मांग की.