वाशिंगटन ने अनुशासित गेंदबाजी की और अश्विन के स्थान पर काफी अच्छी गेंदबाजी की : मैकडोनल्ड -

वाशिंगटन ने अनुशासित गेंदबाजी की और अश्विन के स्थान पर काफी अच्छी गेंदबाजी की : मैकडोनल्ड

ब्रिसबेन, 16 जनवरी (भाषा) आस्ट्रेलिया के सहायक कोच एंड्रयू मैकडोनल्ड ने शनिवार को अंतिम टेस्ट के लिये भारत के अनुभवहीन गेंदबाजी आक्रमण की सराहना की और विशेषकर वाशिंगटन सुंदर की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस युवा ऑफ स्पिनर ने रविचंद्रन अश्विन की जगह उतरकर ‘काफी अच्छी’ गेंदबाजी की।

श्रृंखला के दौरान कई खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण भारत ने शुक्रवार को पदार्पण करने वाले वाशिंगटन (89 रन देकर तीन विकेट) और मध्यम गति के गेंदबाज टी नटराजन (78 रन देकर तीन विकेट) को अंतिम एकादश में शामिल किया।

ये दोनों नेट गेंदबाज के तौर पर टीम के साथ थे।

मैकडोनल्ड ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे लगा कि वे (भारतीय गेंदबाज) काफी निरंतर रहे। मुझे लगा कि विशेषकर वाशिंगटन सुंदर काफी अनुशासित था और उसने रवि अश्विन के स्थान पर उनकी भूमिका को अच्छी तरह निभाया और कसी गेंदबाजी की और वह इस दौरान कुछ विकेट भी हासिल करने में सफल रहा। ’’

इंडियन प्रीमियर लीग में कोचिंग देने वाले मैकडोनल्ड मध्यम गति के गेंदबाज नटराजन से भी काफी प्रभावित थे। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये मुझे लगता है कि वह ऐसा गेंदबाज है जिसने खेल की लय पर लगाम कसे रखी और मैं इससे काफी प्रभावित हुआ। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘नटराजन भले ही अनुभवहीन हो लेकिन वह इस दौरे पर अपना पहला टेस्ट मैच खेलने के लिये काफी प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके हैं और यह शानदार उपलब्धि है इसलिये मुझे लगता है कि उन्होंने अच्छा किया। ’’

बांये हाथ के गेंदबाज ने दौरे पर सीमित ओवरों के चरण में अपनी गेंदबाजी से प्रभावित किया था, जिससे पहले उन्होंने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन से भारतीय टीम में जगह बनायी थी।

आस्ट्रेलियाई टीम बारिश से बाधित दूसरे दिन के पहले सत्र में 369 रन पर सिमट गयी। वाशिंगटन और नटराजन की तरह शारदुल ठाकुर ने भी तीन विकेट चटकाये।

आस्ट्रेलिया के 39 वर्षीय सहायक कोच ने कहा, ‘‘उन्होंने (भारतीय गेंदबाजों ने) पूरी पारी के दौरान दबाव बनाये रखा और उन्होंने हमारे लिये मुश्किल कर दी। ऐसे समय में जब हमें लगा कि हम हावी हो जायेंगे, वे वापसी करने में सफल रहे और अहम मौकों पर हमारे महत्वपूर्ण विकेट झटकते रहे। इसलिये पूरा श्रेय उनके आक्रमण को जाता है। ’’

भाषा नमिता आनन्द

आनन्द

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