Waqf Amendment Act 2025: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है ताकि वह अपना जवाब दाखिल कर सके। हालांकि, अदालत ने अभी तक कानून पर स्टे (रोक) नहीं लगाया है, लेकिन केंद्र ने यह आश्वासन दिया है कि अगले एक सप्ताह तक वक्फ बोर्ड (Waqf Amendment Act 2025) में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी और ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों को डिनोटिफाई (अधिसूचना रद्द) नहीं किया जाएगा। अब अगली सुनवाई 5 मई को होगी
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि सरकार इस मामले में विस्तृत जवाब दाखिल करेगी, इसलिए अभी स्टे न लगाया जाए। उन्होंने कहा, “मैं सम्मानपूर्वक निवेदन करता हूं कि ये मुद्दे गंभीर हैं, लेकिन इन पर विचार करने से पहले इतिहास को समझना जरूरी है। सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है। कई गांवों की जमीनें वक्फ के तहत दर्ज हैं, यह कानून का सुविचारित हिस्सा है।”
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अदालत ने क्या कहा?
CJI संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह फिलहाल कानून पर रोक नहीं लगाएगी, लेकिन केंद्र को 7 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करना होगा। याचिकाकर्ताओं को केंद्र के जवाब पर अपना प्रतिवाद 5 दिनों में दाखिल करने की अनुमति दी गई।
- अदालत ने केंद्र के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि अगले सुनवाई तक:
- वक्फ बोर्ड में कोई नई नियुक्ति नहीं होगी।
- ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा।
- कलेक्टर इन संपत्तियों में कोई बदलाव नहीं कर पाएंगे।
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था ?
बुधवार को सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट (Waqf Amendment Act 2025) ने केंद्र से पूछा था:
- “क्या मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति दी जाएगी?”
- “‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों को कैसे चुनौती दी जा सकती है, जबकि कई लोगों के पास पुराने दस्तावेज नहीं होंगे?”
- अदालत ने इन सवालों के जवाब मांगे थे, जिन पर केंद्र अब अपना पक्ष रखेगा। अगली सुनवाई में इस मामले पर और स्पष्टता मिलने की उम्मीद है।