बीएएसएफ ने अपने नए अभियान ‘वाह रे किसान’ का शुभारंभ किया है, जो देश के किसानों के साहस और नवाचार को समर्पित अभियान है। यह ‘सैल्यूट टू फार्मर्स’ का हिंदी वर्जन है। ‘बिगेस्ट जॉब ऑन अर्थ’ पहल का हिस्सा है। इसका उद्देश्य भारतीय किसानों के योगदान को जनता के सामने लाना है, उनकी प्रेरक कहानियों से अन्य लोग प्रेरित हों।
‘वाह रे किसान’ खेती से जुड़ा पहला इंफो-टेनमेंट कार्यक्रम है, जिसे मशहूर फिल्म और टेलीविजन अभिनेता अन्नू कपूर होस्ट कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में पांच किसानों की प्रेरक कहानियों को दिखा रहे हैं। इन किसानों ने न केवल अपने समुदायों को बदला, बल्कि भारत की कृषि पद्धति में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
कैसे हुई किसानों की पहचान?
इस श्रृंखला की शुरुआत से पहले, बीएएसएफ ने एक महीने तक सोशल मीडिया अभियान चलाया, जिसमें किसानों को अपनी कहानियां साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया। हजारों कहानियों में से सबसे प्रेरणादायक पांच किसानों को चुना गया, जिनकी कहानियां ‘वाह रे किसान’ में दिखाई जा रही हैं।
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पांच किसानों की प्रेरक कहानियां
तुषार गवारे, महाराष्ट्र
तुषार ने एक ऊर्जा-कुशल और कम लागत वाले सोलर ड्रायर का तैयार किया है। जिससे किसानों को कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिली है।
मंजन्ना टी.के., कर्नाटक
मंजन्ना ने न केवल अपनी कृषि भूमि को बदला है, बल्कि पूरे गांव को एकीकृत कृषि और नवीन तकनीकों से विकसित किया है।
महान चंद्र बोरा, असम
महान ने ‘राइस लाइब्रेरी’ बनाकर भारत की पारंपरिक चावल की किस्मों को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सरवन सिंह चंडी, पंजाब
सरवन ने विभिन्न माध्यमों से खेती की और पारंपरिक कृषि प्रणालियों में पानी की कमी से निपटने में मदद की।
हरिमन शर्मा, हिमाचल प्रदेश
हरिमन ने कम ठंडे क्षेत्रों में उगाई जाने वाली नवीन सेब की किस्म विकसित कर पारंपरिक सेब की खेती को नई परिभाषा दी है।
बीएएसएफ का संदेश
बीएएसएफ एग्रीकल्चरल सॉल्यूशंस के अध्यक्ष लिवियो टेडेस्की ने कहा, “भारत की भौगोलिक परिस्थितियां और कृषि पद्धतियां अत्यंत विविधतापूर्ण हैं। ‘वाह रे किसान’ में दिखाए गए इन पांच नवाचारी किसानों से मिलकर मैं बहुत खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि उनकी कहानियां अन्य किसानों को प्रेरित करेंगी।” बीएएसएफ इंडिया के बिजनेस डायरेक्टर गिरिधर रानुवा ने कहा, “‘वाह रे किसान’ के माध्यम से हम किसानों के अत्यधिक रचनात्मक प्रयासों को उजागर करना चाहते हैं।
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