भोपाल। प्रदेश के बहुचर्चित केस व्यापम घोटाले के मामले सुनवाई करते हुए सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए 8 आरोपियों को दोषी पाते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई है। वहीं दो आरोपियों को बरी कर दिया है। दोनों के खिलाफ सबूत नहीं मिलने के कारण कोर्ट ने दोनों को बरी किया है। वहीं 8 लोगों को 7-7 साल की सजा दी है। इस मामले में सीबीआई ने 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। दोषी पाए गए लोगों में 3 उम्मीदवार, 3 सॉल्वर और 2 मिडिलमैन शामिल हैं।
कोर्ट ने राजेश धाकड़, कवींद्र, विशाल, कमलेश, ज्योतिष, नवीन समेत 8 लोगों को सजा सुनाई है। सजा पाने वाले लोगों में मुरैना जिले के 3 अभ्यार्थी भी शामिल हैं। इन तीनों अभ्यार्थियों की जगह किसी और ने परीक्षा दी थी। साथ ही मिडिलमैन की इस फर्जीवाड़े में भूमिका थी। इस मामले के आने के बाद काफी हड़कंप मचा था। पहले पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। इसके बाद इस जांच को सीबीआई को ट्रांसफर दिया था। तभी से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही थी।
यह है मामला…
प्रदेश में साल 2013 में व्यापम घोटाले का मामला सामने आया था। इसके बाद मामले की एफआईआर की गई थी। काफी समय तक मामले की जांच पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में इस मामले की जांच को एसटीएफ को सौंप दिया था। एसटीएफ के तत्कालीन अफसरों ने 21 नवंबर 2014 को विज्ञप्ति जारी कर लोगों से नाम या गुमनाम सूचनाएं आमंत्रित की थीं।
इस विज्ञप्ति के बाद 1357 शिकायतें एसटीएफ की टीम को मिली थी। इन शिकायतों में एसटीएफ ने 307 शिकायतों की जांच कर 79 एफआईआर दर्ज की गई थीं। बाकी की शिकायतों को पुलिस के पास जांच के लिए भेज दिया था। जब एसटीएफ मामले की जांच कर रही थी तभी विरोध की बातें चलने लगी। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।