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Trigrahi Yog Vrish 2024: सूर्य के साथ आएंगे गुरु और शुक्र, वृष राशि में त्रिग्रही योग, क्या आपके लिए लाएगा गोल्डन चांस

Trigrahi Yog Vrish 2024: सूर्य के साथ आएंगे गुरु और शुक्र, वृष राशि में त्रिग्रही योग, क्या आपके लिए जाएगा गोल्डन चांस vrish me surya guru shukra sun jupiter venus 2024 transit in taurus Effect on 12 zodic sign astrology hindi news pds

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Preeti Dwivedi
Trigrahi Yog Vrish 2024: सूर्य के साथ आएंगे गुरु और शुक्र, वृष राशि में त्रिग्रही योग, क्या आपके लिए लाएगा गोल्डन चांस

Sun Jupiter Venus 2024 Transit in Taurus : लंबे समय बाद ग्रहों की चाल में एक बड़ा फेरबदल जाने जा रहा है। सूर्य पहले से वृष (Vrish) में आ चुके हैं तो वहीं उनके साथ अब गुरु भी साथ देंगे। गुरु और शुक्र की युति किसकी किस्मत का पिटारा खोलेगी, तो किसे ये गोचर काल कष्टकारी रहेगा। पढ़ते हैं सूर्य गुरु और शुक्र की युति का असर।

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मेष राशि (Mesh Rashi) 

मेष राशि में द्वितीय भाव में सूर्य, शुक्र, और गुरु की युति (Surya Guru Shukra Yuti) का प्रभाव सामान्यतः धन संबंधी या स्वास्थ्य संबंधी होता है। इस योग के द्वारा व्यक्ति को धन के प्राप्ति में समृद्धि की संभावना हो सकती है, विशेष रूप से अगर वे कुशलता और सामर्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

इसके अलावा, व्यक्ति की भौतिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी समर्थन मिल सकता है। यह प्रभाव व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार भी बदल सकता है।

वृष राशि (Vrish Rashi) 

वृष राशि में लग्न में सूर्य, शुक्र, और गुरु की युति (Surya Guru Shukra 2024 vrish) का प्रभाव संभावना से बहुत प्रभावशाली होता है। यह योग व्यक्ति को स्वाभिमान, सामर्थ्य, और अधिक आत्मविश्वास प्रदान कर सकता है।

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सूर्य का उत्कृष्ट स्थिति लग्न में समर्थन और नेतृत्व कौशल को बढ़ावा देती है, जबकि शुक्र और गुरु की युति संबंधों, सामाजिक स्थिति, और वित्तीय समृद्धि को बढ़ावा देती है। यह व्यक्ति को विवाह, साझेदारी, और सम्पत्ति में सफलता प्राप्त करने की संभावना को भी बढ़ा सकता है। इस प्रभाव को व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार भी विश्लेषण किया जा सकता है।

मिथुन राशि (Mithun Rashi) 

मिथुन राशि के बारहवें भाव में शुक्र, गुरु, और सूर्य की युति का प्रभाव सामान्यतः शिक्षा, ध्यान, और स्वाध्याय पर होता है। यह योग व्यक्ति को विद्या, ज्ञान, और विचारशीलता में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकता है।

शुक्र की युति इस भाव में समृद्धि और संतान के क्षेत्र में समर्थन प्रदान कर सकती है, जबकि गुरु की युति धर्म, दर्शन, और ध्यान के क्षेत्र में समृद्धि की ओर प्रेरित कर सकती है। सूर्य की युति व्यक्ति को अपने ध्यान, अध्ययन, और बोध क्षेत्र में प्रगति करने के लिए प्रेरित कर सकती है। इस प्रभाव को व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार भी विश्लेषित किया जा सकता है।

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कर्क राशि (Kark Rashi) 

कर्क राशि के ग्यारहवें भाव में शुक्र, गुरु, और सूर्य की युति का प्रभाव अक्सर परिवार, गृह और स्थायित्व के क्षेत्र में होता है। यह योग व्यक्ति को घरेलू सुख, संबंधों में मधुरता, और स्थिरता की ओर प्रेरित कर सकता है।

शुक्र की युति (Shukra Gochar) प्रेम, संबंधों, और सहानुभूति के क्षेत्र में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकती है, जबकि गुरु की युति विवाह, परिवार, और धार्मिक क्षेत्र में समृद्धि की ओर प्रेरित कर सकती है।

सूर्य की युति (Surya Gochar)  व्यक्ति को अपने परिवार और घर के कार्यों में नेतृत्व कौशल में समर्थ बना सकती है। इस प्रभाव को व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार भी विश्लेषित किया जा सकता है।

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सिंह राशि पर असर (Singh Rashi) 

सिंह राशि के दशम भाव में शुक्र, गुरु, और सूर्य की युति का प्रभाव अक्सर करियर, प्रतिष्ठा, और सामाजिक स्थिति के क्षेत्र में होता है। यह योग व्यक्ति को सफलता, प्रतिष्ठा, और उच्च स्थान प्राप्त करने की दिशा में प्रेरित कर सकता है।

शुक्र की युति प्रतिष्ठा, आकर्षण, और कला क्षेत्र में समृद्धि की ओर प्रेरित कर सकती है, जबकि गुरु की युति व्यापार, प्रबंधन, और नेतृत्व क्षेत्र में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकती है।

सूर्य की युति व्यक्ति को करियर में स्थिरता, सम्मान, और उत्कृष्टता के प्राप्ति की दिशा में प्रेरित कर सकती है। इस प्रभाव को व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार भी विश्लेषित किया जा सकता है।

कन्या राशि पर असर (Kanya Rashi) 

कन्या राशि के नवम भाव में शुक्र, गुरु, और सूर्य की युति का प्रभाव विवाह, धार्मिक क्षेत्र, यात्रा, और ध्यान क्षेत्र में हो सकता है। यह योग व्यक्ति को धर्म, शिक्षा, और ध्यान के क्षेत्र में समृद्धि की ओर प्रेरित कर सकता है।

शुक्र की युति प्रेम, संबंधों, और सौंदर्य के क्षेत्र में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकती है, जबकि गुरु की युति शिक्षा, धर्म, और ध्यान के क्षेत्र में समृद्धि की ओर प्रेरित कर सकती है।

सूर्य की युति व्यक्ति को अपने धार्मिक और ध्यानिक कार्यों में स्थिरता और सम्मान में सहायक बना सकती है। इस प्रभाव को व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार भी विश्लेषित किया जा सकता है।

तुला राशि पर असर (Tula Rashi) 

तुला राशि के अष्टम भाव में शुक्र, गुरु, और सूर्य की युति का प्रभाव अक्सर रिश्तों, वित्तीय संबंधों, और आर्थिक क्षेत्र में होता है। यह योग व्यक्ति को वित्तीय स्थिति में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकता है।

शुक्र की युति इस भाव में वित्तीय लाभ, वित्तीय स्थिति में स्थिरता, और संपत्ति के क्षेत्र में समृद्धि की ओर प्रेरित कर सकती है, जबकि गुरु की युति निवेश, वित्तीय प्रबंधन, और अनुसंधान के क्षेत्र में समृद्धि की ओर प्रेरित कर सकती है।

सूर्य की युति व्यक्ति को निवेश के निर्णयों में साहसिकता और स्थायित्व की दिशा में प्रेरित कर सकती है। इस प्रभाव को व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार भी विश्लेषित किया जा सकता है।

वृश्चिक राशि पर असर (Vrishchik Rashi) 

वृश्चिक राशि के सप्तम भाव में शुक्र, गुरु, और सूर्य की युति का प्रभाव विवाह, साझेदारी, संबंध, और व्यापारिक संबंधों के क्षेत्र में होता है। यह योग व्यक्ति को संबंधों में समृद्धि, साझेदारी में सफलता, और व्यवसायिक समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकता है।

शुक्र की युति प्रेम, सौहार्द, और संबंधों के क्षेत्र में समृद्धि की ओर प्रेरित कर सकती है, जबकि गुरु की युति संबंधों में समझौता, संतुलन, और सहानुभूति की दिशा में प्रेरित कर सकती है।

सूर्य की युति व्यक्ति को व्यावसायिक संबंधों में नेतृत्व कौशल और स्थिरता में सहायक बना सकती है। इस प्रभाव को व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार भी विश्लेषित किया जा सकता है।

धनु राशि पर असर (Dhanu Rashi) 

धनु राशि के छठे भाव में शुक्र, गुरु, और सूर्य की युति का प्रभाव व्यक्ति के सेवा, स्वास्थ्य, और कार्य क्षेत्र में होता है। यह योग व्यक्ति को सेवा और समृद्धि के क्षेत्र में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकता है।

शुक्र की युति व्यक्ति को संतान, सेवा, और संबंधों में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकती है, जबकि गुरु की युति विद्या, धर्म, और सेवा के क्षेत्र में समृद्धि की ओर प्रेरित कर सकती है।

सूर्य की युति व्यक्ति को कार्य क्षेत्र में स्थिरता, स्वास्थ्य, और उच्च स्तर के नेतृत्व कौशल में समर्थ बना सकती है। इस प्रभाव को व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार भी विश्लेषित किया जा सकता है।

मकर राशि पर असर (Makar Rashi) 

मकर राशि के पांचवें भाव में शुक्र, गुरु, और सूर्य की युति का प्रभाव आमतौर पर प्रेम, संबंध, बच्चों, और कला क्षेत्र में होता है। यह योग व्यक्ति को प्रेम, संबंधों में समृद्धि, और सांस्कृतिक क्षेत्र में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकता है।

शुक्र की युति इस भाव में प्रेम, सुंदरता, और कला के क्षेत्र में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकती है, जबकि गुरु की युति शिक्षा, धर्म, और उद्योगों में समृद्धि की ओर प्रेरित कर सकती है।

सूर्य की युति व्यक्ति को बच्चों, शिक्षा, और सांस्कृतिक क्षेत्र में नेतृत्व कौशल में समर्थ बना सकती है। इस प्रभाव को व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार भी विश्लेषित किया जा सकता है।

कुंभ राशि पर असर (Kumbh Rashi) 

कुंभ राशि के चौथे भाव में शुक्र, गुरु, और सूर्य की युति का प्रभाव आमतौर पर गृह जीवन, संपत्ति, और आर्थिक संबंधों पर होता है। यह योग व्यक्ति को आर्थिक स्थिति में समृद्धि, परिवार और घर के क्षेत्र में स्थिरता, और संपत्ति के वृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकता है।

शुक्र की युति इस भाव में आर्थिक सुख, संपत्ति, और सुख के क्षेत्र में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकती है, जबकि गुरु की युति निवेश, वित्तीय प्रबंधन, और संपत्ति के क्षेत्र में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकती है।

सूर्य की युति व्यक्ति को आर्थिक नेतृत्व, ध्यान, और सम्पत्ति के क्षेत्र में स्थिरता में सहायक बना सकती है। इस प्रभाव को व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार भी विश्लेषित किया जा सकता है।

मीन राशि पर असर (Meen Rashi) 

मीन राशि के तीसरे भाव में शुक्र, गुरु, और सूर्य की युति का प्रभाव आमतौर पर बुद्धि, शिक्षा, यात्रा, और संचार क्षेत्र में होता है। यह योग व्यक्ति को बुद्धिमत्ता, ज्ञान, और सामाजिक या सांस्कृतिक सम्बंधों में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकता है।

शुक्र की युति इस भाव में व्यक्ति को सौंदर्य, कला, और समृद्धि के क्षेत्र में समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर सकती है, जबकि गुरु की युति शिक्षा, धर्म, और विचारशीलता के क्षेत्र में समृद्धि की ओर प्रेरित कर सकती है।

सूर्य की युति व्यक्ति को व्यापारिक संबंधों में नेतृत्व, यात्रा, और कार्य क्षेत्र में स्थिरता में सहायक बना सकती है। इस प्रभाव को व्यक्ति की जन्मकुंडली के अनुसार भी विश्लेषित किया जा सकता है।

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