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गाली देने की आदत पर बोले संत प्रेमानंद: 'बच्चों के चरित्र पर पड़ता है फर्क', ये ट्रेंड कितना सही?

महाराज जी ने बताया कि गाली देना बहुत ही गंदी आदत है और इसका सीधा नकारात्मक असर बच्चों के चरित्र और व्यवहार (परवति) पर पड़ता है। उन्होंने इस विषय की गंभीरता को समझाते हुए कहा कि यह केवल बातचीत का तरीका नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण का सवाल है।

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Sourabh Pal

एक भक्त ने संत प्रेमानंद महाराज से यह गंभीर प्रश्न पूछा कि स्कूल और कॉलेज के बच्चों में गाली देकर बात करने का ट्रेंड क्यों बढ़ता जा रहा है और यह उनके लिए कितना सही है? महाराज जी ने बताया कि गाली देना बहुत ही गंदी आदत है और इसका सीधा नकारात्मक असर बच्चों के चरित्र और व्यवहार (परवति) पर पड़ता है। उन्होंने इस विषय की गंभीरता को समझाते हुए कहा कि यह केवल बातचीत का तरीका नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण का सवाल है।
संत प्रेमानंद से पूछा गया ये प्रश्न
स्कूल-कॉलेज में गाली देने का ट्रेंड
गाली देना चरित्र के लिए कितना सही?
संत बोले: 'बच्चों की परवति बिगड़ती है

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