Bangladesh Violence: बांग्लादेश में बड़े हंगामे के बीच राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। वहीं सेना का कहना है कि बांग्लादेश में मंगलवार सुबह कर्फ्यू खत्म हो जाएगा। स्कूल और व्यवसाय फिर से खुलेंगे।
शेख हसीना ने ढाका पैलेस छोड़ा
न्यूज एजेंसी AFP ने सूत्रों के हवाले बताया है कि प्रधानमंत्री ढाका के पैलेस को छोड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का मानना है कि वह और उनकी बहन रेहाना ने देश छोड़ दिया है और मिलिट्री हैलिकॉप्टर से भारत पहुंच गई हैं।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) August 5, 2024
विदाई भाषण अधूरा छोड़कर भागीं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना विदाई भाषण दे रहीं थी. इसी बीच प्रदर्शनकारी वहां पहुंचे गए इसके बाद वे भाषण को अधूरा छोड़कर देश छोड़कर भाग निकली. संभावना जताई जा रही है कि वे भारत आ सकती है. वे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुकी हैं. अब वहां सेना के द्वारा अंतरिम सरकार बनाई जा सकती है.
भारत पहुंचीं शेख हसीना
सेना के विमान से रवाना हुईं। खबरों के मुताबिक उनकी बहन रेहाना भी साथ हैं. वे बंगाल के रास्ते दिल्ली पहुंच गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतर गया है. उसके बाद वे लंदन, फिनलैंड या दूसरे देश जा सकती हैं.
बांग्लादेश में इस समय में हिंसा (Bangladesh Violence) भड़की हुई है। एक महीने के भीतर यह सबसे बड़ी घटना मानी जा रही है। हजारों प्रदर्शनकारी छात्र प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जमकर उत्पात (Bangladesh Violence) मचाया था। रास्तों में खड़ी गाड़ियों को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया और रास्तों को जाम कर दिया।
इस दौरान पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच जमकर झड़प भी हो गई। इसपर पुलिस ने उनपर जमकर लाठियां चलाईं और आंसू गैस (Bangladesh Violence) के गोले दागे। शेख हसीना की सरकार ने पूरे देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है।
बांग्लादेशी पुलिस ने जानकारी दी कि इस हिंसक झड़प में करीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हिंसक झड़प में कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री पर लगाए छात्रों ने गंभीर आरोप
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कोर्ट में आदेश का हवाला देते हुए स्टूडेंट्स की मांगों को मानने से साफ इनकार कर दिया था। इसके बाद देश में तनाव और बढ़ता गया। अब छात्र तानाशाही का आरोप लगाते हुए शेख हसीना की सरकार को हटाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, आरक्षण को लेकर प्रदर्शनकारियों का कहना है कि योग्यता के आधार पर नौकरियां मिलनी चाहिए।
आरक्षण खत्म करने की मांग
बीते एक महीने से बांग्लादेशी छात्र स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (Bangladesh Violence) के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि बीते दिन रविवार 4 अगस्त को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में अचानक हिंसा भड़क उठी, जिसकी चपेट में कई लोग आए और 300 से अधिक लोगों की जान चली गई।
इस हिंसा में कई लोग घायल भी हुए हैं। स्टूडेंट्स आरक्षण कोटा (Bangladesh Violence) प्रणाली से काफी नाराजा हैं। बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण दिया जाता है, जिसे खत्म करने की मांग की जा रही है।
बांग्लादेश का आरक्षण कोटा
बांग्लादेश में आरक्षण कोटे (Bangladesh Violence) के अनुसार सरकारियों नौकरियों में 56 फीसदी आरक्षण दिया जाता है। इस आरक्षण में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों के लिए 30 फीसदी आरक्षण मिलता है।
वहीं, पिछड़े प्रशासनिक जिलों और महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 10-10 फीसदी आरक्षण दिया जाता है। वहीं, जातीय अल्पसंख्यक समूहों को महज 5 फीसदी आरक्षण और दिव्यांगों के लिए बांग्लादेश में 1 फीसदी आरक्षण रिजर्व है।
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