Vindhya Expressway: विंध्य एक्सप्रेसवे का निर्माण पूर्वांचल के कई जिलों में औद्योगिक विकास की सौगात लाने वाला है। इस एक्सप्रेसवे से मिर्जापुर में बनकर तैयार होने वाले कालीन, पत्थर, खनिज व पीतल उद्योग की खपत में बढ़ोतरी होगी। साथ ही प्रयागराज, चंदौली, सोनभद्र व काशी के औद्योगिक विकास में भी ये कारगर साबित होने वाला है।
लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, चंदौली व वाराणसी होते हुए सोनभद्र से जोड़ा जाएगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने इसके निर्माण के लिए सलाहकार कंपनी का चयन करने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
औद्योगिक विकास को बढ़ावा
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के बजट में विंध्य एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इससे पूर्वांचल के पिछड़े जिलों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। विंध्य एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 320 किलोमीटर तय की गई है। इस लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, चंदौली व वाराणसी होते हुए सोनभद्र से जोड़ा जाएगा।
इन तीन राज्यों को सीधा जोड़ेगा
विंध्य एक्सप्रेसवे (Vindhya Expressway) के निर्माण के लिए सरकार ने (UPEIDA) को 2400 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से पूर्वांचल को झारखंड, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। ये धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होगा। विंध्याचल स्थित अष्टभुजा देवी मंदिर, काली खोह मंदिर और देवरहवा बाबा के आश्रम तक पर्यटक आसानी से सफर कर सकेंगे।
MP से सीधी कनेक्टिविटी
इस नए एक्सप्रेसवे से मध्यप्रदेश को भी जल्द कनेक्ट किया जाएगा, जिससे एमपी को नई सौगात मिल सकती है। एमपी से गुजरने वाला ये चौथा एक्सप्रेस-वे भोपाल और सिंगरौली के बीच बनेगा। यह एक्सप्रेस-वे भोपाल, दमोह, कटनी, रीवा, सीधी से होते हुए सिंगरौली को कनेक्ट करेगा।
पीतल उद्योग को विकसित करने की जरूरत: CM योगी
यूपीडा (UPEIDA) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पिछले वर्ष (2024) इस परियोजना के तहत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी थी। सरकार ने मिर्जापुर स्तिथ 600 वर्ष पुराने पीतल उद्योग को नए तरीके से विकसित करने पर जोर दिया था।
कसरहट्टी और दुर्गा देवी क्षेत्र के पीतल उद्योग में आज भी 700 से अधिक छोटी-बड़ी इकाइयां स्थापित हैं। यहां पर 50 हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं। बेहतर रोड कनेक्टीविटी व सरकारी उपेक्षा न होने के कारण मिर्जापुर का पीतल उद्योग लंबे समय से मंदी की मार झेल रहा है।
निर्यात बढ़ाने के लिए बेहतर कनेक्टीविटी की मांग
यहां के लोग लंबे समय से बेहतर कनेक्टीविटी की मांग कर रहे हैं। इससे यहां निर्मित होने वाले हांडा, परात व लोटा सहित अन्य उत्पादों का निर्यात बढ़ने में मदद मिलेगी। इस एक्सप्रेसवे के बनने से काशी के लकड़ी, रेशम व सूती वस्त्र, चंदौली के हैंडलूम, सोनभद्र के खनिज उद्योग करने वाले व्यापारियों को व्यापार करने में आसानी होगी।
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एक्सप्रेसवे के निर्माण को मिली सैद्धांतिक सहमति
विंध्य एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ 100 किलोमीटर लंबा विंध्य-पूर्वाचल लिंक एक्सप्रेस-वे भी कैबिनेट से सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त कर चुका है। यह लिंक एक्सप्रेस-वे चंदौली से शुरू होकर पूर्वाचल एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु गाजीपुर तक बनेगा।