मिर्जापुर। पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आने तथा स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के इरादे से शुरू की गई विंध्य कॉरिडोर परियोजना का काम तेजी से जारी है। इसे वाराणसी की काशी विश्वनाथ परियोजना की तर्ज पर बनाया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक अगस्त, 2021 को विंध्य कॉरिडोर परियोजना की आधारशिला रखी थी। करीब 331 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है । इस क्षेत्र के लोग लंबे समय से कुछ उद्योगों की स्थापना की मांग कर रहे थे, खासकर 1989 के बाद जब मिर्जापुर से सोनभद्र को अलग कर नया जिला बना दिया गया था।
तब क्षेत्र के सभी प्रमुख उद्योग नए जिले में चले गए थे। रोजगार के अवसरों की कमी का सामना करते हुए स्थानीय युवा धीरे-धीरे बाहर चले गए और आजीविका के लिए कहीं और बस गए। प्रचलित मान्यता है कि विंध्याचल धाम की तीर्थयात्रा तब तक अधूरी है जब तक कोई यहां के तीनों मंदिरों में दर्शन-पूजा नहीं कर लेता। 2017 में जब राज्य में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो विंध्याचल धाम को एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाने की योजना तैयार की गई।
काशी की तर्ज पर विंध्य कॉरिडोर की परिकल्पना पर्यटन और रोजगार को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए की गई थी। नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस योजना में मंदिर के आसपास दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों के साथ 50 फुट चौड़े कॉरिडोर का निर्माण शामिल है, जो न केवल यहां के लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करेगा बल्कि सरकार की आय में भी वृद्धि करेगा। उन्होंने कहा कि मंदिरों और आसपास के क्षेत्रों में आगंतुकों के आने से होटल, लॉज और धर्मशालाओं में अधिक कमाई होगी।
कुमार ने कहा कि विंध्य कॉरिडोर के निर्माण में करीब 96 करोड़ की लागत से 522 परिसंपत्तियों की खरीद के द्वारा एक भव्य मंदिर, भव्य द्वार, लाइट लगी हुई सड़कों, और घाटों आदि का निर्माण होगा जो ना सिर्फ दर्शनार्थियों को सुविधा प्रदान करेंगा बल्कि जिले के अन्य ऐतिहासिक एवं रमणीय स्थलों को देखने के लिए भी प्रेरित करेगा। नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा ने दावा किया , ‘‘अभी तो प्रथम चरण (फर्स्ट फेस) का कार्य आधा भी नहीं हुआ है और 60,000 से 70,000 लोग प्रतिदिन दर्शन हेतु आ रहे हैं और जब यह पूरा हो जाएगा तो यह संख्या प्रतिदिन के हिसाब से पांच लाख तक पहुंच जाएगी। इससे न केवल निजी स्तर पर लोगों की आय बढ़ेगी बल्कि सरकारी आय भी बढ़ेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादा जीएसटी मिलेगा, बस और ट्रेन के ज्यादा टिकट बिकेंगे साथ ही नगरपालिका को मिलने वाले जलकर और भवन कर आदि में भी बढ़ोतरी होगी।’’ एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विंध्याचल, कालीखोह और अष्टभुजा के त्रिकोण क्षेत्र में विंध्याचल कॉरिडोर का निर्माण लगभग 20 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ होगा लेकिन अभी सिर्फ 331 करोड़ की लागत से विंध्य मंदिर के आसपास कॉरिडोर क्षेत्र और उसी से लगी सुविधाओं जैसे घाटों, सड़कों आदि का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
मिर्जापुर-विंध्याचल एक ही नगर निगम के अंतर्गत दो कस्बे हैं जो ओझला नदी से अलग होते हैं। ओझला गंगा नदी में मिलती है और इन दोनों कस्बों से होकर बहती है। स्थानीय लोगों के अनुसार, गलियारे के निर्माण से मिर्जापुर शहर को भी मदद मिलने की उम्मीद है। सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप श्रीवास्तव ने कहा कि विंध्याचल और मिर्जापुर शहर के 6.5 किलोमीटर लंबी और लगभग आठ मीटर चौड़ी सड़क से जुड़ जाने के बाद मंदिर तक पहुंचना आसान हो जाएगा, जो परियोजना का एक हिस्सा है।
मिर्जापुर नगर के एक प्रमुख व्यवसायी विनय अग्रवाल ने कहा कि लोगों के आने से ‘‘पीतल के बर्तन उद्योग और कालीन उद्योग को भी लाभ होगा’’। विंध्याचल धाम के महत्व पर विंध्य पंडा (पुजारी) समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने कहा, ‘‘विंध्याचल मंदिर के त्रिकोण के महत्व का देवी पुराण में विस्तार से उल्लेख किया गया है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ विंध्याचल से काली खोह तक की 1.3 किमी लंबी सड़क को 50 फुट चौड़ी सड़क से जोड़ा जाएगा और उसके बाद अष्टभुजा मंदिर और अष्टभुजा मंदिर की सड़क को भी चौड़ा किया जाएगा। अष्टभुजा मंदिर का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा।’