हाइलाइट्स
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गांव ने तय किया बेटी की शादी होगी
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हर घर से 50 रुपए, 4 गिलास चावल
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गृहस्थी का सामान दे रहे ग्रामीण
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में मानवता की मिशाल एक गांव में देखने को मिली है। यहां एक गरीब पिता अपनी बेटी की शादी पिछले पांच साल से आर्थिक तंगी के चलते नहीं कर पा रहा था।
गांवा वालों की उस मजबूर पिता की बेबसी नहीं देखी गई। इस पर ग्रामीणों ने एक दिन पूरे गांव की मीटिंग बुलाई। मीटिंग में तय किया गया कि बेटी का विवाह धूमधाम से किया जाएगा।
इसके लिए हर घर से बहुत ही छोटी सी रकम और बहुत ही कम अनाज लिया जाएगा, जिसे देने से कोई मना नहीं कर सकेगा। इस निर्णय के बाद आज छत्तीसगढ़ की बेटी का विवाह है।
महाराष्ट्र से बारात आ रही है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के बड़गांव में पांच साल से गरीब पिता बेटी की शादी नहीं कर पाया था। पिता की मजबूरी लोगों से देखी नहीं गई, गांव वालों ने बैठक में तय किया कि गांव के सुकलु राम की बेटी बृजवति की शादी धूमधाम से की जाएगी।
आज मंगलवार को महाराष्ट्र के औधी क्षेत्र के बोड़ेगांव से बारात आ रही है। दूल्हा संतोष गावड़े की बारात का पूरे गांव को इंतजार है।
हल, कुदाल, हंसिया बनाता है पिता
बड़गांव क्षेत्र के मुरवंडी गांव (Chhattisgarh News) के सुकलु राम और देवली बाई गरीबी के कारण अपनी बेटी की शादी नहीं कर पा रहे थे।
इस बारे में जब गांवा वालों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सुकलु राम हल, कुदाल, हंसिया जैसे औजार बनाकर अपना जीवन यापन कर रहा है।
वह हमेशा अपनी बेटी की शादी को लेकर परेशान रहता था। गांव वालों ने तय किया कि उसकी बेटी की शादी मिलकर करेंगे।
हर घर से अनाज और राशि लेना हुआ तय
गांव में ग्रामीणों (Chhattisgarh News) ने मीटिंग में तय किया कि हर घर से 50 रुपए नकद और 4 गिलास चावल लिया जाएगा। जिसे सभी ने स्वीकारा और यह राशि और अनाज दिया।
पूरा गांव शादी की तैयारी में जुट गया और आज बारात के स्वागत की तैयारी कर रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को मंडप छाने के लिए जामुन की डंगाल लेकर आए और खाने की पत्तल के लिए जंगल से पलाश के पत्ते लेकर आए।
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ग्रामीणों ने स्वेच्छा से दी सामग्री
गांव की लड़की की विदाई के लिए भी गांव (Chhattisgarh News) वालों ने विशेष तैयारी की है। ग्रामीण विदाई के समय में देने वाले सामान भी अपनी इच्छा के अनुसार लेकर आए हैं।
इसमें किसी ने पलंग खरीदा है तो किसी ने किचन का सामान। इसी तरह अन्य सामग्री भी गांव वाले दे रहे हैं।
गांव के इस उत्सवी माहौल और बेटी की शादी से पिता सुकलु राम और माता देवली बहुत खुश हैं।
उनका कहना है कि हमने तो बेटी की शादी की उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन गांव वालों ने सहयोग किया अब, हमारी बेटी पूरे गांव की बेटी है।