नई दिल्ली। ‘Vikram-S’ Prarambh Mission इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर आज देश के पहले प्राइवेट रॉकेट ‘विक्रम-एस’ की आज की सफल लॉन्चिंग हो गई है। जहां पर 6 मीटर लंबे इस रॉकेट इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी ‘इसरो’ ने श्रीहरिकोटा के अपने केंद्र से लॉन्च किया है। जहां पर भारत के लिए बड़ी उपलब्धि से कम नहीं।
स्काईरूट बनी पहली प्राइवेट सेक्टर कंपनी
आपको बताते चले कि, इस लॉन्चिंग के होने से ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ भारत की पहली प्राइवेट सेक्टर की कंपनी बन गई है, जिसने 2020 में केंद्र सरकार द्वारा स्पेस इंडस्ट्री को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोले जाने के बाद भारतीय स्पेस प्रोग्राम में कदम रखा है। जहां पर बताया जा रहा है कि, सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च होने के बाद अब ‘विक्रम-एस’ 81 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचेगा. रॉकेट का नाम इंडियन स्पेस प्रोग्राम के जनक और दिवंगत साइंटिस्ट विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है।
लॉन्चिंग करने के बाद कही बात
आपको बताते चले कि, INSPACe के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने कहा कि, यह भारत के निजी क्षेत्र के लिए नई शुरूआत है जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं और एक ऐतिहासिक क्षण हैं: मुझे मिशन प्रारंभ – स्काईरूट एयरोस्पेस की शुरुआत के सफल समापन की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।
मुझे मिशन प्रारंभ – स्काईरूट एयरोस्पेस की शुरुआत के सफल समापन की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है: INSPACe के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका pic.twitter.com/dHCOBXjWYw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 18, 2022
मंत्री ने कही बात
यहां पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि, यह भारत के स्पेस इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए एक बड़ा कदम है और विश्व समूह के समुदाय में एक सीमावर्ती राष्ट्र के रूप में भी उभर रहा है। यह भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
जाने दुनिया के लंबे रॉकेट के बारे में
आपको बताते चलें कि, ‘प्रारंभ’ नामक इस मिशन के जरिए दो घरेलू और एक विदेशी ग्राहक के तीन पेलोड को भेजा गया है. विक्रम-एस उप-कक्षीय उड़ान में चेन्नई के स्टार्ट-अप स्पेस किड्ज, आंध्र प्रदेश के स्टार्ट-अप एन-स्पेस टेक और आर्मेनियाई स्टार्ट-अप बाजूमक्यू स्पेस रिसर्च लैब के तीन पेलोड ले जाए गए हैं। जिसे लेकर ईसरो से मिली जानकारी के अनुसार 6 मीटर लंबा रॉकेट दुनिया के पहले कुछ ऐसे रॉकेट में शामिल है जिसमें घुमाव की स्थिरता के लिए 3-डी प्रिंटेड ठोस प्रक्षेपक हैं. भारतीय अंतरिक्ष नियामक इन-स्पेस ने बुधवार को स्काईरूट के विक्रम-एस उप-कक्षीय यान के लॉन्च को ऑथोराइज किया था।