नई दिल्ली। टेक्सटाइल ब्रैंड्स रेमंड को तो आप जानते ही होंगे। आज यह ब्रैंड घर-घर तक पहंच चुका है। इसे घर-घर तक पहुंचाने का काम विजयपत सिंघानिया ने किया था। जो कुछ साल पहले तक रेमंड ग्रुप के चेयरमैन थे। लेकिन आज-कल वे अपने बेटे से संपत्ति की लड़ाई को लेकर चर्चा में रहते हैं। हालिया मामला उनकी जीवनी ‘ऐन इनकंप्लीट लाइफ’ की बिक्री से जुड़ा हुआ है। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरूवार को रेमंड ग्रुप के पूर्व चेयरमैन की जीवनी के प्रसार और वितरण पर रोक लगा दी थी।
बतादें कि अब अगले आदेश तक इस पुस्तक की छपाई और बिक्री पर रोक रहेगी। मालूम हो कि 83 साल के विजयपत सिंघानिया की अपने बेटे गौतम सिंघानिया के साथ कानून लड़ाई चल रही है। ऐसे में गौतम ने इस किताब में लिखे गए तथ्यों को लेकर कोर्ट में आपत्ति जताई थी। आइए जानते हैं क्या है दोनों के बीच पूरा विवाद।
कभी 12 हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक थे
कभी 12 हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक विजयपत सिंघानिया को आज किराए के मकान में रहना पड़ रहा है। बेटे के चलते आज वो पाई-पाई के लिए मोहताज हो चुके हैं। विजयपत दावा करते हैं कि उनके बेटे गौतम सिंघानिया ने उनसे घर और गाड़ी छीन लिया जिसके चलते वह मुंबई में एक किराए के मकान में रह रहे हैं। मालूम हो कि साल 2015 में विजयपत सिंघानिया ने अपनी कंपनी के सभी शेयर अपने बेटे को दे दिए थे। उस समय शेयर की कीमत 1000 करोड़ रूपये थी। अब विजयपत सिंघानिया आरोप लगाते हैं कि सीएमडी होन का गलत फायदा उठाते हुए उनके बेटे गौतम ने सारी संपत्ति अपने नाम कर ली। इसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई और वो मजबूरन किराए के मकान में रहने लगे।
एक फ्लैट को लेकर शुरू हुआ था विवाद
यह विवाद एक फ्लैट को लेकर शुरू हुआ था, जिसे विजयपत सिंघानिया बेचना चाहते थे, लेकिन उनका बेटा गौतम इसे बेचना नहीं चाहता था। जानकार बताते हैं कि यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों के रिश्ते तल्ख हो गए और गौतम ने विजयपत सिंघानिया को दरकिनार करना शुरू कर दिया। इसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई। लेकिन आज अपने बेटे के खिलाफ एक फ्लैट के झगड़े को लेकर कोर्ट पहुंचे विजयपत को कभी अपने राजसी अंदाज और ठाठ-बाठ के लिए जाना जाता था।
अपना जहाज वे खुद ही उड़ाते थे
विजयपत को हवाई जहाज से लेकर हेलिकॉप्टर तक का शौक था। कई बार अपना जहाज वे खुद ही उड़ाते थे। उनके नाम 5000 घंटो का फ्लाइट एक्सपीरियंस भी दर्ज है। इसके अलावा उनके नाम 67 साल की उम्र में हॉट एयर बैलून में दुनिया में सबसे ऊंची उड़ान भरने का भी रेकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने साल 1994 में इंटरनेशनल ऐरोनॉटिक फेडरेशन द्वारा आयोजित रेस में गोल्ड जीता था। इस रेस में उन्होंने 34 हजार किमी की दूरी 24 घंटों में तय की थी। उनकी इस जीत पर भारतीय वायु सेना ने एयर कमोडोर की मानद रैंक से भी उन्हें नवाजा था।