विदिशा का विजय मंदिर इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
देश का वर्तमान संसद भवन का डिजाइन जहां मुरैना के 64 योगिनी मंदिर से मिलता है वहीं अब नए भवन का डिजाइन और विजय मंदिर की आकृति मिलती जुलती है। तस्वीरों में हूबहू दिखने वाले मंदिर की क्या है कहानी दिखाते हैं आपको…
तस्वीर में दिखने वाला भव्य विजय मंदिर त्रिभुजाकार है जिसकी आकृति साफ देखी जा सकती है। मंदिर के ऊंचे बेस को देखकर इसका आकार और नई संसद भवन की आकृति एक जैसी दिखती है। यह बीजा मंडल विजय मंदिर विदिशा में स्थित है जो सूर्य मंदिर रहा है जिसका निर्माण परमार राजाओं द्वारा किया गया था।
नय बनने वाले संसद भवन की डिजायन से मिलता विजय मंदिर को मुगल आक्रमण में तोड़ा गया था। इस मंदिर को परमार काल में परमार राजाओं ने बनवाया था। जिसे बाद में औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था। अब यह मंदिर बीजा मंडल एएसआई के संरक्षण में है पिछले कुछ दिनों से यहां साफ-सफाई एवं जीर्णोद्धार के काम चल रहे हैं। इतिहास कारों का कहना है कि औरंगजेब ने इसे 1682 के लगभग तोपों से उड़वा दिया था। जिसके बाद मालवा का राज्य जब मराठों के पास आया तो फिर से इसे खड़ा करने का प्रयास किया गया। इसकी ऊंचाई 100 मीटर के लगभग थी और इसका आधा मील में फैलाव बताया जाता है।
भारत में नए संसद भवन के लिए 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास और भूमि पूजन किया। करोड़ों की लागत से तैयार होने वाले इस भवन को वास्तु के अलावा हर लिहाज से सुंदर बनाने की कोशिश की गई है। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भारत के नए संसद भवन का मॉडल देखने में हूबहू विदिशा के विजय मंदिर की तरह लगता है। विदिशा की वैभव शाली विरासत कई बड़ी कहानियों को कहती आई है। अब लोकतंत्र का मंदिर संसद भवन की डिजाइन विदिशा के विजय मन्दिर से मिलती जुलती दिख रही है जिसे देख विदिशा के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।