Vice President Election 2022:भारत में राष्ट्रपति के चुनाव के बाद उपराष्ट्रपति के चुनाव भी होने वाले है। उपराष्ट्रपति के चुनावों में लोकसभा सदस्य और राज्यसभा के सदस्य वोटिंग करते है। इस चुनाव की प्रक्रिया बेहद अलग होती है। आइए जानते है पूरी प्रक्रिया –
NDA ने उतारा प्रत्याशी
भारत को अगस्त में एक नए उपराष्ट्रपति मिल जाएंगे। भारत के मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को खत्म हो रहा है। इससे पहले ही देश को नए उपराष्ट्रपति मिल जाएंगे। इस साल 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति के चुनाव होने है और उसी दिन परिणाम भी घोषित हो जाएंगे। फिलहाल NDA तो अपने प्रत्याशी के रूप राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को उम्मीदवार घोषित कर दिया लेकिन विपक्ष ने अभी अपना उमीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
ये है पूरी प्रक्रिया –
सवैंधानिक दृष्टिकोण से देखे तो उपराष्ट्रपति का पद राष्ट्रपति से नीचा और प्रधानमंत्री से ऊचा रहता है। भारत में उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं यदि किसी भी परस्थिति में राष्ट्रपति का पद खाली होता है तो उनकी जिम्मेदारी उपराष्ट्रपति को ही सम्भालना होती है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए भारत की नागरिकता होना अनिवार्य है और जिसकी उम्र 35 से अधिक होनी चाहिए और वह राज्यसभा सदस्य चुने जाने की सभी योग्यताओं पर खारा उतरता हो वो ये चुनाव लड़ सकता है। इसके लिए 15,000 रुपये की राशि जमानत के तौर देने होती है। अगर चुनाव में 1/6 वोट नहीं मिलते है तो ये राशि चुनाव आयोग जमा कर लेता है।
उपराष्ट्रपति के चुनाव में वोट डालने का अधिकार लोकसभा और राज्यसभा के सांसद के अलावा इस चुनाव में मनोनीत सदस्य भी हिस्सा लेते हैं। कुल 788 वोट इस चुनाव में डाले जा सकते है। जिनमे लोकसभा के 543 सांसद,राज्यसभा के 243 सदस्य और राज्यसभा सदस्यों में 12 मनोनीत सांसद भी हैं जिन्हे वोट डालने का अधिकार मिलता है।
उपराष्ट्रपति का चुनाव Proportional representation System के तहत होता है इसे सरल भाषा में कहे तो आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति इस पद्धति को सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (Single Transferable Vote) सिस्टम भी कहा जाता है।
उपराष्ट्रपति का चुनाव Proportional representation System के तहत होता है इसे सरल भाषा में कहे तो आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति इस पद्धति को सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (Single Transferable Vote) सिस्टम भी कहा जाता है।
इस तरह होती है वोटो की गिनती
उपराष्ट्रपति के चुनाव में टोटल जितने भी वो डालते है उस संख्या में 2 से भाग दिया जाता है और उसमे एक जोड़ दिया जाता है जो भी नतीजा रहता है जितने के लिए उतने ही वोट की आवश्यकता रहती है। उदाहरण के तौर पर समझे तो अगर 788 वोट डालते गई तो उसमे दो से भाग दे देंगे मतलब 394 फिर इसमें एक और जोड़ देते है मतलब 395 वोट जीत का अकड़ा रहेगा अगर गिनती में ऐसे वोट डालते है जिसमे 2 का भाग देने पर दशमलव में संख्या आते है तो दशमव वाली संख्या को हटा दी जाती है।
NDA का गठित
वर्तमान में NDA के पास टोटक 396 सांसद है जिसमे से लोकसभा के 303 और राज्यसभा के 93 सांसद HAIO जबकि 395 वोट प्राप्त कर उपराष्ट्रपति के चुनाव को आसानी से जीता जा सकता है।