कवारत्ती। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने लक्षद्वीप के अपने पहले दौरे में शनिवार को कडमाट एवं अंद्रोत द्वीप पर दो कला एवं विज्ञान महविद्यालय का उद्घाटन किया । द्वीपों के दो दिवसीय दौरे पर आए उपराष्ट्रपति की अगवानी केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने की और शुक्रवार को उनके आगमन पर उन्हें सलामी गारद दिया गया। उपराष्ट्रपति के रूप में द्वीपों की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, नायडू ने कहा कि लक्षद्वीप ‘‘प्राचीन सांस्कृतिक विरासत और अनुपम प्राकृतिक सुंदरता का अनूठा संगम’’ का मेल है और वह लोगों के आतिथ्य से बहुत प्रसन्न हैं ।
उन्होंने लक्षद्वीप की सुंदरता की प्रशंसा करते हुए लोगों से अपील की कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार कम से कम इन द्वीपों की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। दोनों कॉलेजों का उद्घाटन करते हुए, नायडू ने कहा कि पेश किए जा रहे पाठ्यक्रम द्वीपों के छात्रों, विशेष रूप से छात्राओं को क्षेत्र की भौगोलिक बाधाओं को दूर करने और रोजगार क्षमता के साथ गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेंगे। उपराष्ट्रपति ने छात्रों के बीच कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया। यह दोनों कालेज पांडिचेरी विश्वविद्यालय से संबद्ध है और नायडू उसके कुलाधिपति हैं ।
उन्होंने प्रशासन को सलाह दी कि द्वीपों के युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल विकास में और अधिक लघु पाठ्यक्रम शुरू करें।लक्षद्वीप के विशाल पर्यावरण-पर्यटन और मत्स्य पालन क्षमता को देखते हुए, नायडू ने द्वीपों के युवाओं से जलीय कृषि, पर्यटन और आतिथ्य में पेश किए गए पाठ्यक्रमों का उपयोग करने और इन क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करने का आह्वान किया ।
उन्होंने विश्वास जताया कि नए कॉलेज न केवल द्वीपों के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे, बल्कि एक शक्तिशाली प्रभाव डालेंगे और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को फिर से परिभाषित करेंगे।उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि लक्षद्वीप के द्वीपों का विकास राष्ट्र के विकास का अभिन्न हिस्सा है। नायडू ने द्वीपों पर एकल उपयोग प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने के लिए लक्षद्वीप के लोगों और प्रशासन के संकल्प की सराहना की। उन्होंने इस तथ्य की भी सराहना की कि दो साल की लघु अवधि में द्वीप 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा की ओर बढ़ रहे हैं।