(रिपोर्ट- अभिषेक सिंह)
Varanasi News: वाराणसी। भारतीय जनता पार्टी में मंडल अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक के पदों पर बदलाव को लेकर मंथन का दौर जारी है ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी संगठन में बदलाव को लेकर उस वक्त सुर्खियों में आ गया जब जिलाध्यक्ष पद के लिए 168 सक्रिय कार्यकर्ता ने आवेदन दे डाले! मौजूदा समय में भारतीय जनता पार्टी में तमाम पदाधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है या बहुत सारे ऐसे पदाधिकारी हैं जिनके पास दो-दो पद है या फिर उन पदाधिकारी को बदलने की भी कवायद हो रही है जो पार्टी के मुख्य पद पर आसीन रहते हुए पार्टी के कसौटी पर खरा नही उतर पाया।
पीएम के संसदीय क्षेत्र का जिलाध्यक्ष बनने के लिए कार्यकर्ताओं की होड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के महानगर और जिलाध्यक्ष बने के लिए दावेदारों ने ऐसी ताल ठोकी की पार्टी में नियुक्त किये गए चुनाव अधिकारियों के पसीने छूट गए ! इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला अध्यक्ष के लिए 90 दावेदारों जबकि महानगर अध्यक्ष के लिए कुल 78 दावेदारों ने अपना आवेदन पत्र भरकर दावेदारी पेश कर दी है।
जिलाध्यक्ष पद के चयन का मापदंड
विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का तमगा हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी में पीएम के संसदीय क्षेत्र का जिला अध्यक्ष बने के लिए पार्टी संगठन ने दो प्रमुख मापदंड अपनाए थे ! जिसमें पहला मापदंड आयु को रखा गया 60 वर्ष से कम आयु का पदाधिकारी हो,दूसरा और सबसे प्रमुख मापदंड दो बार का सक्रिय सदस्य होना चाहिए! यहाँ सक्रिय सदस्य से मतलब ऐसे पदाधिकारी से है जो कम से कम 100 नए सदस्य पार्टी के लिए बनाए हो,के बावजूद इतनी लंबी सूची आने के बाद चुनाव संगठन के सामने मुश्किलें पैदा कर दी हैं।
काशी क्षेत्र के अध्यक्ष ने सूची को लेकर कहीं बड़ी बात
पीएम के संसदीय क्षेत्र के जिला अध्यक्ष और महानगर के अध्यक्ष के सूची के बारे में जब काशी क्षेत्र के अध्यक्ष दिलीप सिंह पटेल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अगले हफ्ते तक सूची जारी हो सकता है,लेकिन सूची जारी होने से पहले एक आखिरी बैठक पार्टी में संगठन के महत्वपूर्ण लोगों के साथ होने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि आखिर सूची कब जारी की जाएगी! वहीं जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष के पद पर दावेदारों के बारे में बात की गई तो उनका कहना है कि इस बारे में संगठन ही आखिरी फैसला लेगी लेकिन महानगर अध्यक्ष पद के लिए उन्होंने वैश्य समाज को प्राथमिकता देने की बात भी कहीं तो जिले के अध्यक्ष पर बोलने से बचते नजर आए।
अपनो के लिए लखनऊ दिल्ली हुआ एक
पीएम का संसदीय क्षेत्र वाराणसी से जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष बनने के लिए हर एक पदाधिकारी अभी से ही जुगत में लग गया है ! आलम यह है कि तमाम दावेदार लखनऊ दिल्ली एक किए हुए हैं ! संगठन के प्रमुख लोगों के साथ-साथ प्रदेश और केंद्र सरकार के मंत्रियों के अलावा संघ के पदाधिकारियों से जिला और महानगर अध्यक्ष के पद पर काबिज होने के लिए की जान से जुगाड़ लगाने से हिचक भी नहीं रहे हैं।
अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व ले सकता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जिला और महानगर अध्यक्ष के पद पर काबिज होने वाले पर अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व ले सकता है! इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और दावेदारों के बीच इस बात की सुगबुगाहट आवेदन करने के समय से अब तक जारी है।