Vaishakh Purnima 2024: हिन्दू पंचांग (Hindu Panchank) में वैशाख पूर्णिमा को बेहद खास माना जाता है। हर वैसे तो पूर्णिमा तिथि महीने में दो बार आती है। लेकिन इस बार की पूर्णिमा बेहद खास रहने वाली है। वो इसलिए क्योंकि वैशाख का महीना भगवान विषणु की पूजा के लिए खास माना जाता है। ऐसे में जब वैशाख की पूर्णिमा आती है तो इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
वैशाख पूर्णिमा क्यों है खास
हिंदू कैलेंडर में के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा को कहते हैं। यह त्योहार हिन्दू धर्म, बुद्ध धर्म और जैन धर्म में विशेष महत्व है।
इस दिन कई लोग नदियों या समुद्र तट पर स्नान करते हैं और धर्मिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। यह एक पवित्र और धार्मिक महोत्सव होता है।
वैशाख पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे (8959594400) के अनुसार ये शायद कम ही लोग जानते होंगे कि वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा भी की जाती है।
मानसिक शांति के लिए करना न भूलें ये उपाय
हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है कि यदि आपको मानसिक चिंता हैं या मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं तो इस तिथि में आपको वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima 2024 Upay) पर एक उपाय जरूर करना चाहिए।
इसके लिए आपको इस दिन व्रत जरूर रखना चाहिए। साथ ही शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देना न भूलें। ऐसा करने से आपको मानसिक पीड़ा से छुटकारा मिलता है। ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे के अनुसार इसके साथ ही घर में खुशियों का आगमन होता है।
वैशाख पूर्णिमा से जुड़ी कथाएं
पौराणिक कथाओं में इस दिन से जुड़ी कई घटनाओं का उल्लेख है। इस दिन कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं हैं।
भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी विराट रूप का दर्शन दिया था।
वैशाख पूर्णिमा को महर्षि भृगु जयंती तथा कुर्म अवतार की जयंती भी मनाई जाती है। क्योंकि कुर्म भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के आवतार माने जाते हैं इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की विविध प्रकार की पूजा, अर्चना, सेवा, और ध्यान किया जाता हैं। यह दिन धर्मिक उत्सव और समाजिक मेले के रूप में भी मनाया जाता है।
वैशाख पूर्णिमा पर घर पर जरूर करें ये उपाय
वैशाख पूर्णिमा के दिन लोग अपने घरों पर सत्यनारायण भगवान की कथा (Satyanarayan Katha) का आयोजन करते हैं और पूजा-पाठ करते हैं।
वैशाख पूर्णिमा पर नहीं कर पा रहे पवित्र नदियों में स्नान, तो जरूर करें ये उपाय, दूर होंगे कष्ट
हिंदू धर्म के लोग इस दिन पवित्र नदियों जैसे गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, गोदावरी, और कावेरी में स्नान करते हैं। अगर आप किसी नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे में वह घर में रखे गंगा जल की कुछ बूंदें नहाने के पानी में डालकर स्नान कर सकते हैं।
इसके साथ ही, पुण्य कार्य और दान भी किया जाता है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और अपने जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, और सफलता की प्रार्थना करते हैं।
बौद्ध धर्म में वैशाख पूर्णिमा का महत्व क्या है
बौद्ध धर्म में वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima 2024 significant) को बुद्ध पूर्णिमा या वैशाख पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। यह दिन गौतम बुद्ध के जन्म, प्रजन्म और महापरिनिर्वाण (मृत्यु) का स्मरण किया जाता है। इस दिन बौद्ध धर्म भक्तियात्रा (पिलग्रिमेज), ध्यान और दान करते हैं। बौद्ध समुदाय धार्मिक कार्यक्रमों, मंदिरों में साधुओं और संतों के साथ समय बिताते हैं और बोध गया और मंदिरों में पूजा करते हैं।
पीपल के पेड़ का उपाय
बुध पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ (Vaishakh Purnima 2024 par peepal ke ped ka upay) कर पूजा करने का खास महत्व माना गया है। महात्मा बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे हुई थी। बोधि वृक्ष पीपल का पेड़ है। इसलिए पीपल वृक्ष की पूजा करना बहुत ही शुभ फलदायी है।
जल में शक्कर या गुड़ मिलाकर पीपल की जड़ को सींचें और दीप जलाएं।
वैशाख पूर्णिमा पर क्या दान करना चाहिए
वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें और श्रद्धा अनुसार गरीबों को कपड़े, भोजन और दक्षिणा का दान करें। मान्यता है कि ये सभी चीजों का दान करने से जातक को धन की प्राप्ति होगी और धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होंगी। इसके अलावा वैशाख पूर्णिमा पर गर्मी का प्रभाव अधिक होता है।
वैशाख पूर्णिमा 2024 मुहूर्त
पुष्पांजलि पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 22 मई 2024 दिन बुधवार को शाम 06 बजकर 50 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 23 मई गुरुवार को शाम 07 बजकर 25 मिनट पर होगा।
उदयातिथि के अनुसार वैशाख पूर्णिमा 23 मई 2024 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन दिनके 9:18 से रात अंत तक सर्वार्थ सिद्ध योग भी है।
23 तारीख को भद्रा 7:15 तक रहेगी। अतः वैशाख पूर्णिमा 23 में को 7:15 के उपरांत पूरे दिन और रात मनाई जाएगी।
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