UCC Live-in Relationship Rules: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को घोषणा की कि यूसीसी के नियम 26 जनवरी से प्रभावी होंगे। इसके तहत लिव-इन रिलेशन को विवाह की तरह ही पोर्टल पर रजिस्टर करना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए गवाहों की वीडियो रिकॉर्डिंग, फोटो और आधार विवरण अनिवार्य होंगे।
यूसीसी पोर्टल का प्रशिक्षण सत्र
यूसीसी नियमों (UCC Live-in Relationship Rules) के सुचारु रुप से चलाने के लिए अधिकारियों को यूसीसी पोर्टल से परिचित कराने हेतु सोमवार से खास प्रशिक्षण सत्र शुरू किया गया है। यह प्रशिक्षण देहरादून के डोईवाला ब्लॉक ऑफिस में हो रहा है और 20 जनवरी को समाप्त होगा। प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त फीडबैक को सरकार तक पहुंचाया जाएगा ताकि मसौदा नियमों में आवश्यक संशोधन किए जा सकें।
लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले ध्यान दें
प्रस्तावित विधेयक में लिव इन की परिभाषा भी स्पष्ट की गई है। इसमें कहा गया है कि केवल एक व्यस्क पुरुष व व्यस्क महिला ही लिव इन रिलेशनशिप में रह सकेंगे। वह भी तब, यदि वे पहले से अविवाहित हों अथवा किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में न रह रहे हों।
पैदा हुए बच्चे को माना जाएगा जायज
लिव इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उसी युगल की जायज संतान माना जाएगा। इस बच्चे को जैविक संतान के समस्त अधिकार प्राप्त होंगे। लिव इन में रहने वाले यदि संबंध विच्छेद करते हैं तो इसका पंजीकरण भी उन्हें अनिवार्य रूप से कराना होगा। ऐसा न करने पर कारावास या आर्थिक दंड अथवा दोनों की व्यवस्था की गई है।
जन्म प्रमाण-पत्र के रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता
यूसीसी के तहत, बच्चों का जन्म प्रमाण-पत्र जारी होने के सात दिनों के भीतर पोर्टल में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। वसीयत के लिए घोषणाकर्ता को अपनी और उत्तराधिकारियों तथा गवाहों के आधार की जानकारी देनी होगी। साथ ही, दो गवाहों की वसीयत पढ़ते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग अपलोड करनी होगी।
लिव-इन कपल्स को देना होगा पूरा विवरण
यूसीसी (UCC Live-in Relationship Rules) के अनुसार, लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स को पोर्टल पर अपने नाम, उम्र का प्रमाण, राष्ट्रीयता, धर्म, पूर्व संबंध स्थिति, और फोन नंबर दर्ज करना होगा। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया विवाह रजिस्ट्रेशन जैसी ही होगी।
इसमें दो प्रकार की रजिस्ट्रेशन सुविधा होगी, जिसे एक उत्तराखंड में रहने वाले पार्टनर्स के लिए और दूसरा राज्य के बाहर रहने वाले निवासियों के लिए। हालांकि नियम यह भी है कि पार्टनर्स भारत में रहने वाले ही होनी चाहिए।
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सहायता केंद्रों की स्थापना
यूसीसी के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार ने तीन राज्य-स्तरीय सहायता केंद्र स्थापित किए हैं। सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी तकनीकी सहायता देगी, कॉमन सर्विस सेंटर प्रशिक्षण में मदद करेगा, और अभियोजन विभाग कानूनी सहायता प्रदान करेगा।
यूसीसी के इन नियमों की समय-समय पर समीक्षा भी की जाएगी। इस पहल से राज्य में लिव-इन रिलेशनशिप और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं की बेहतर निगरानी और प्रबंधन की उम्मीद है।
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