उत्तरकाशी। Uttarakhand Tunnel Rescue 12 नवंबर को हुई घटना में अब तक सिल्क्यारा टनल में फंसे सभी 41श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया है। रेस्क्यू टीम ने जिंदगी और मौत, आशा और निराशा की एक बड़ी जंग जीत ली है। मृत्यु पर जीवन की और निराशा पर आशा की जीत हुई है।
इन सभी 41 श्रमिकों को टनल से बाहर निकालने में रेस्क्यू टीम और एक्सपर्ट को काफी मशक्कत करनी पड़ी। चट्टानों के ढीले होने के कारण रेस्क्यू के काम की गति धीमी हो रही है।
बाहर आए श्रमिकों के नाम और संबंधित राज्यों
1. गब्बर सिह नेगी, उत्तराखंड
2. सबाह अहमद, बिहार
3. सोनु शाह, बिहार
4. मनिर तालुकदार, पश्चिम बंगाल
5. सेविक पखेरा, पश्चिम बंगाल
6. अखिलेष कुमार, यूपी
7. जयदेव परमानिक, पश्चिम बंगाल
8. वीरेन्द्र किसकू, बिहार
9. सपन मंडल, ओडिशा
10. सुशील कुमार, बिहार
11. विश्वजीत कुमार, झारखंड
12. सुबोध कुमार, झारखंड
13. भगवान बत्रा, ओडिशा
14. अंकित, यूपी
15. राम मिलन, यूपी
16. सत्यदेव, यूपी
17. सन्तोष, यूपी
18. जय प्रकाश, यूपी
19. राम सुन्दर, उत्तराखंड
20. मंजीत, यूपी
21. अनिल बेदिया, झारखंड
22. श्राजेद्र बेदिया, झारखंड
23. सुकराम, झारखंड
24. टिकू सरदार, झारखंड
25. गुनोधर, झारखंड
26. रनजीत, झारखंड
27. रविन्द्र, झारखंड
28. समीर, झारखंड
29. विशेषर नायक, ओडिशा
30. राजू नायक, ओडिशा
31. महादेव, झारखंड
32. मुदतू मुर्म, झारखडं
33. धीरेन, ओडिशा
34. चमरा उरॉव, झारखंड
35. विजय होरो, झारखंड
36. गणपति, झारखंड
37. संजय, असम
38. राम प्रसाद, असम
39. विशाल, हिमाचल प्रदेश
40. पु्ष्कर, उत्तराखंड
41. दीपक कुमार, बिहार
आपात और स्वास्थ्य जांच की पूरी व्यवस्था उपलब्ध
श्रमिकों के स्वास्थ्य जांच के लिए टनल के अंदर एम्बुलेंस के अलावा स्ट्रेचर और गद्दे भी पहुंचाए गए हैं। सुरंग से श्रमिकों को निकालने के बाद रेस्क्यू करने के लिए चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर पहले से ही मौजूद है, ताकि किसी भी प्रकार की इमरजेंसी से निपटा जा सके।
श्रमिकों के परिवार में बांटी मिठाईयां
रांची, झारखंड: उत्तरकाशी में बचाव अभियान अंतिम चरण में पहुंच गया है, सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों में से एक अनिल बेदिया के परिवार के सदस्यों को मिठाइयां बांटी गईं।
#WATCH रांची, झारखंड: उत्तरकाशी में बचाव अभियान अंतिम चरण में पहुंच गया है, सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों में से एक अनिल बेदिया के परिवार के सदस्यों को मिठाइयां बांटी गईं। pic.twitter.com/UjRgn2OEqa
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कुछ घंटे लगेगें मजदूरों को निकालने में
यहां पर एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, ” अब 58 मीटर तक ड्रिलिंग हो गई है…रातभर काम किया गया है, हमारी टीम बहुत ही मुश्किल काम कर रही है। 58 मीटर तक जाना ये अभूतपूर्व उपलब्धि है…अभी 2 मीटर और जाना है तब हम कह सकते हैं कि हम आर पार हो गए हैं..सभी सुरक्षा एहतियात बरते गए हैं।”
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड): एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, "NDRF का इसमें बहुत महत्वपूर्ण रोल है 3 टीम सुरंग के अंदर जाएगी।SDRF, NDRF को अंदर सहयोग देगी। साथ ही पैरामेडिक्स भी सुरंग के अंदर जाएंगे। अनुमान है कि 41 लोगों में से प्रत्येक को… pic.twitter.com/MeYkh2d2kT
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आगे लिखा कि, “NDRF का इसमें बहुत महत्वपूर्ण रोल है 3 टीम सुरंग के अंदर जाएगी। SDRF, NDRF को अंदर सहयोग देगी। साथ ही पैरामेडिक्स भी सुरंग के अंदर जाएंगे। अनुमान है कि 41 लोगों में से प्रत्येक को निकालने में 3-5 मिनट का समय लगेगा। पूरी निकासी में 3-4 घंटे लगने की उम्मीद है। ”
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड): एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, " चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है…चिनूक हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे है। हम इसे रात के वक्त नहीं उड़ाएंगे। देरी होने के कारण मजदूरों को… pic.twitter.com/ggNShRxb1c
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मजदूरों के निकलने का इंतजार, बस कुछ पल और…
आपको बताते चलें, मजदूरों को निकालने का प्रयास जारी है वहीं पर सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है जहां पर किसी भी पल मजदूर बाहर आ सकते है। यहां पर सिलक्यारा साइड से हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग में लगे रैट माइनर्स ने खुदाई पूरी कर ली है जहां पर दो घंटे में 41 मजदूर टनल के बाहर आने वाले है।
#WATCH उत्तरकाशी: सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन जारी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया कि सुरंग के अंदर पाइप डालने का काम पूरा हो गया है और जल्द ही सभी मजदूरों को बचा लिया जाएगा। pic.twitter.com/5oMshRwfvd
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सुरंग के बाहर और अंदर की तस्वीरें सामने आ रही है। वहीं पर बाहर लोग उनके स्वागत के लिए बाहर लोग फूल मालाएं लेकर खड़े हैं।
इस पाइप से बाहर आएगें श्रमिक
बचाव अभियान को देखते हुए सुरंग के अंदर अस्थायी चिकित्सा सुविधा का विस्तार किया गया है। फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद यहां स्वास्थ्य प्ररीक्षण किया जाएगा। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 8 बेड की व्यवस्था की गई है और डॉक्टरों व विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है।
VIDEO | A temporary medical facility has been set up inside the #Silkyaratunnel. #UttarakhandTunnelRescue #UttarkashiRescue pic.twitter.com/a6cfEjItNA
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पिता के चेहरे पर आई खुशी
जहां पर मजदूरों को निकालने का प्रयास जारी है वहीं पर 17 दिनों से अपनों का इंतजार कर रहे परिजनों को खुशखबरी मिलने वाली है वे टकटकी लगाए इंतजार कर रहे है। ऐसे ही एक वीडियो सामने आया है जिसमें पिता के चेहरे पर अपने बेटे से मिलने की खुशी साफ नजर आ रही है।
That smile #UttarakhandTunnelRescue pic.twitter.com/gdE36c79cP
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इलाज के लिए तैयार किया सामुदायिक केंद्र
उत्तरकाशी सुरंग बचाव | 41 श्रमिकों के इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ में तैयारियां पूरी हो गई हैं। मजदूरों के परिजनों को सुरंग के पास बुला लिया गया. परिजनों के पास उनके बैग हैं। AIIMS ऋषिकेश के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नरिंदर कुमार ने कहा, ‘बचाए गए श्रमिकों को केवल तभी यहां लाया जाएगा जब उत्तरकाशी जिला अस्पताल में चिकित्सा उपचार की जरूरतें पूरी नहीं हो सकेंगी।
AIIMS ऋषिकेश में, ट्रॉमा सेंटर में 20 बिस्तर हैं और कुछ आईसीयू बेड. यदि श्रमिकों को यहां लाया जाता है, तो उन्हें अच्छी चिकित्सा देखभाल दी जा सकती है. राज्य सरकार द्वारा आदेश दिए जाने पर उत्तरकाशी भेजे जाने के लिए डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई है।’
ड्रोन से सामने आया घटनास्थल का वीडियो
उत्तराखंड: उत्तरकाशी सुरंग हादसे में बचाव अभियान अभी भी जारी है जहां 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। ड्रोन वीडियो घटनास्थल से है। उत्तराखंड CM ने ट्वीट किया, “…सुरंग के अंदर पाइप डालने का काम पूरा हो गया है। जल्द ही सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा।”
#WATCH उत्तराखंड: उत्तरकाशी सुरंग हादसे में बचाव अभियान अभी भी जारी है जहां 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। ड्रोन वीडियो घटनास्थल से है।
उत्तराखंड CM ने ट्वीट किया, "…सुरंग के अंदर पाइप डालने का काम पूरा हो गया है। जल्द ही सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा।" pic.twitter.com/fs8bOgF1HJ
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जल्द निकलने वाले है मजदूर
SDRF की टीम टनल के अंदर स्ट्रैचर और गद्दा लेकर पहुंचा गई है। पहला एंबुलेंस भी टनल के अंदर पहुंच गया है। दो घंटे में 41 मजदूर टनल के बाहर आने वाले है।
#WATCH | उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान | सुरंग के प्रवेश द्वार पर NDRF कर्मी मौजूद हैं।
55.3 मीटर की ड्रिलिंग हो गई है। अधिकारियों के अनुसार लगभग 4-5 मीटर ड्रिलिंग और बची है। pic.twitter.com/GJ1BrPnlWV
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शाम तक निकल जाएगे मजदूर
उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग बचाव की अपडेट में कहा, माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा, “…हम शाम 5 बजे तक कुछ परिणाम देखने की उम्मीद कर रहे हैं। 2-3 मीटर बचे हैं।”
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग बचाव | माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा, "…हम शाम 5 बजे तक कुछ परिणाम देखने की उम्मीद कर रहे हैं। 2-3 मीटर बचे हैं…" pic.twitter.com/EcK2CT86lI
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अभी एक औऱ पाइप की होगी आवश्यकता
उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग बचाव को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रत्येक दिन वहां के बारे में जानकारी लेते हैं…अभी 53 मीटर पाइप जा चुका है, अभी 2 और पाइप लगाने की आवश्यकता पड़ेगी…” इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर सिल्क्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों के राहत और बचाव कार्य के बारे में जानकारी ली।
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग बचाव | उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रत्येक दिन वहां के बारे में जानकारी लेते हैं…अभी 53 मीटर पाइप जा चुका है, अभी 2 और पाइप लगाने की आवश्यकता पड़ेगी…" pic.twitter.com/Ku53h8FW0t
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टनल अधिकारियों ने दिए निर्देश
यहां पर मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम का काम जहां पर 8 मीटर बचा है वहीं पर टनल के अंदर फंसे मजदूरों के परिजनों से अधिकारियों ने कहा है कि उनके कपड़े और बैग तैयार रखिए। जल्द ही अच्छी खबर आएगी जहां से मजदूरों को टनल से बाहर निकालने के बाद फौरन उन्हें चिन्यालीसौड़ अस्पताल ले जाया जाएगा। इसके लिए मौके पर एंबुलेंस तैनात हैं। इनके लिए कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है
Uttarkashi tunnel update
हलचलें तेज, पुलिस ब्रीफ़िंग के साथ ही वो सब हो रहा है जो ऑपरेशन ख़त्म होने से पहले होना चाहिए
इंतज़ार अब बहुत लंबा नहीं है शायद#UttarkashiRescue pic.twitter.com/CZiSuOmeIq— Ajit Singh Rathi (@AjitSinghRathi) November 28, 2023
रैट माइनिंग ने इतनी की खुदाई
उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान के 16वें दिन सोमवार को मलबे को ‘रैट होल माइनिंग’ तकनीक से साफ करने के लिए विशेषज्ञ मौके पर पहुंच गए और उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया। इस बीच, वैकल्पिक रास्ता तैयार करने हेतु सुरंग के ऊपर से की जा रही लंबवत ‘ड्रिलिंग’ भी 36 मीटर तक पहुंच गयी ।
#WATCH उत्तराखंड: उत्तरकाशी सुरंग हादसे में बचाव अभियान अभी भी जारी है जहां 41 श्रमिक फंसे हुए हैं।
सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग जारी है और पाइप को धकेलने के लिए ऑगर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। अब तक करीब 2 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है। pic.twitter.com/vLzkifrCRf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग 40 मीटर तक हो चुकी है। अब 46 मीटर और होनी है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग होनी है।
कैसे काम करते है रैट माइनर्स
सुरंग से मजदूरों को निकालने का प्रयास जारी है जहां पर रैट माइनर्स द्वारा मैन्युल ड्रिलिंग की जारी है, रैट यानि चूहा होता है जो, पतले से पैसेज में अंदर जाकर ड्रिल करने वाले मजदूरों को रैट माइनर्स कहते हैं। इस तरह से ड्रिल करने के किए स्पेशल ट्रेनिंग, स्किल और काफी प्रैक्टिस की जरूरत होती है। ये रैट माइनर्स 800mm के पाइप में घुसकर ड्रिल कर रहे हैं।
रेस्क्यू के नतीजे मिले सकारात्मक
आपको बताते चलें, रैट माइनर्स को हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग में भी कामयाबी मिली है। सोमवार शाम से अब तक करीब 3 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग की गई। सुरंग बचाव माइक्रो टनलिंग एक्सपर्ट क्रिस कूपर ने कहा, ‘ कल रात रेस्क्यू का काम बहुत अच्छा रहा। अब तक रेस्क्यू के नतीजे बहुत सकारात्मक है।’
#WATCH उत्तरकाशी सुरंग हादसे के बचाव कार्य पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया, "लगभग 52 मीटर पाइप अंदर जा चुका है, लगभग 57 मीटर तक पाइप को अंदर धकेलना है। इसके बाद एक पाइप और लगेगा…पहले स्टील आदि मिल रहा था, जो अब कम हो गया है। अब सीमेंट का कंक्रीट मिल रहा है… pic.twitter.com/dTtQKOT0hI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
सीएम धामी ने बताया कि मंगलवार सुबह तक 52 मीटर तक खुदाई हो चुकी है। अब मजदूरों से 7 से 8 मीटर दूरी रह गई है।
मौसम डालेगा रेस्क्यू में खलल
आपको बताते चलें, उत्तराखंड में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है तो वहीं पर अब तक कि प्रक्रिया में पाइप में फंसे ऑगर मशीन के ब्लेड, साफ्ट और ब्लेड को काटकर बाहर निकाल लिया गया है। रैट माइनर्स ने मैन्युअल ड्रिलिंग करते हुए पाइप को 0.9 मीटर आगे पुश किया। इसके अलावा मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले 24 घंटे के दौरान बारिश और ओलावृष्टि की आशंका जताई है। जो रेस्क्यू ऑपरेशन में खलल डाल सकता है। हालांकि व्यवस्था के साथ ड्रिलिंग का काम जारी है।
‘रैट होल माइनिंग’ के विशेषज्ञों की ली मदद
अधिकारियों ने यहां बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही इस सुरंग के अवरूद्ध हिस्से में शेष बचे 10-12 मीटर के मलबे को साफ करने के काम में ‘रैट होल माइनिंग’ के इन विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। इससे पहले सुरंग में क्षैतिज ‘ड्रिलिंग’ कर रही 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन के शुक्रवार को मलबे में फंस जाने के बाद बचाव दलों ने वैकल्पिक रास्ता बनाने के लिए रविवार से लंबवत ‘ड्रिलिंग’ शुरू की ।
बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने सिलक्यारा में मीडिया को बताया कि तड़के तक मलबे के अंदर फंसे ऑगर मशीन के हिस्सों को काटकर निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि ऑगर मशीन का हेड (सिरा) भी पाइप के अंदर फंसा हुआ था और अब उसे भी हटा दिया गया है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Micro tunnelling expert Chris Cooper says, "…It went very well last night. We have crossed 50 metres. It's now about 5-6 metres to go…We didn't have any obstacles last night. It is looking very positive…" pic.twitter.com/HQssam4YUs
— ANI (@ANI) November 28, 2023
जाने कैसे हुई ड्रिलिंग
हालांकि, उन्होंने कहा कि मशीन के ‘हेड’ को निकालने के लिए कुल 1.9 मीटर पाइप को भी काटना पड़ा । खैरवाल ने बताया कि उसके बाद सुरंग के मलबे के अंदर बारी-बारी से 220 मिमी, 500 मिमी और 200 मिमी लंबी यानी कुल 0.9 मीटर लंबी पाइप डाली गई। उन्होंने बताया कि काम शुरू हो गया है, लेकिन इसके पूरा होने की समयसीमा नहीं बतायी जा सकती। उन्होंने कहा कि भगवान से प्रार्थना है कि कठिनाइयां न आएं ताकि जल्द से जल्द श्रमिकों तक पहुंचा जा सके।
उन्होंने कहा कि ‘रैट माइनिंग’ तकनीक से हाथ से मलबा साफ किया जाएगा, लेकिन अगर कहीं सरिया या गर्डर या अन्य प्रकार की मुश्किलें आयीं तो मशीन से उसे काटा जाएगा और फिर मशीन से पाइपों को अंदर डाला जाएगा। सुरंग बना रही राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने कहा कि मलबे में 0.9 मीटर लंबी पाइप डाली जा चुकी है जबकि एक मीटर पाइप और डालकर पहले वाली लंबाई प्राप्त की जाएगी ।
जल्द से जल्द मलबे को कर लिया जाएगा पार
उन्होंने कहा कि इसके बाद मलबे में छह मीटर लंबी पाइप डाली जाएगी जो कठिन और चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसकी नियमित समीक्षा की जा रही है और सभी प्रकार के जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं ताकि जल्द से जल्द मलबे को पार किया जा सके। अहमद ने बताया कि सतलुज जलविद्युत निगम द्वारा सुरंग के शीर्ष से की जा रही लंबवत ‘ड्रिलिंग’ का काम बहुत अच्छे से चल रहा है और अब तक 36 मीटर ‘ड्रिलिंग’ हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर तक ‘ड्रिलिंग’ की जानी है जिसमें से 50 मीटर तक ‘ड्रिलिंग’ करना शेष है। एक अधिकारी ने बताया कि इसके तहत 1.2 मीटर व्यास के पाइपों को लंबवत तरीके से सुरंग के शीर्ष से नीचे की ओर डाला जाएगा। उधर, ‘रैट होल माइनिंग’ तकनीक की विशेषज्ञ दो टीम मौके पर पहुंच गयी हैं । रैट होल माइनिंग एक विवादास्पद और खतरनाक प्रक्रिया है जिनमें छोटे-छोटे समूहों में खननकर्मी नीचे तंग गडढों में थोड़ी मात्रा में कोयला खोदने के लिए जाते हैं ।
पीएम मोदी के सचिव मलबे को एकत्रित करने की कही बात
खैरवाल ने स्पष्ट किया कि मौके पर पहुंचे व्यक्ति ‘रैट होल’ खननकर्मी नहीं है बल्कि ये लोग इस तकनीक में माहिर हैं । इन लोगों को दो या तीन लोगों की टीम में विभाजित किया जाएगा । प्रत्येक टीम संक्षिप्त अवधि के लिए एस्केप पैसेज में बिछाए गए स्टील पाइप में जाएगी । ‘रैट होल’ ड्रिलिंग तकनीक के विशेषज्ञ राजपूत राय ने बताया कि इस दौरान एक व्यक्ति ड्रिलिंग करेगा, दूसरा मलबे को इकटठा करेगा और तीसरा मलबे को बाहर निकालने के लिए उसे ट्रॉली पर रखेगा ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रमुख सचिव डॉ. पी के मिश्र ने सोमवार को सिलक्यारा पहुंचकर पिछले दो सप्ताह से फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने सुरंग के अंदर चल रहे बचाव कार्य की बारीकियों को समझा और अधिकारियों के साथ ही इस काम में जुटे इंजीनियर और श्रमिकों से बात करके उनका हौसला बढ़ाया।
सुरक्षा का ध्यान रखने के दिए निर्देश
मिश्र ने अधिकारियों को अंदर फंसे श्रमिकों के साथ राहत बचाव कार्य में जुटे सभी लोगों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। श्रमिकों से बातचीत में उन्होंने उनसे अपना ध्यान रखने के लिए कहा तथा उन्हें बताया कि बचाव अभियान में सभी लोग मेहनत कर रहे हैं और कई मोर्चों पर कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि सभी को जल्द बाहर निकालने की कोशिश जारी है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिसके कारण उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे। उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
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